नयी दिल्ली: ऐसा लगता है कि आप में गंभीर मतभेद उत्पन्न हो गए हैं जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भूमिका भी शामिल है क्योंकि आंतरिक लोकपाल ने शीर्ष नेतृत्व में दो गुट बनने की ओर इशारा करते हुए पार्टी से कहा है कि वह ‘एक व्यक्ति, एक पद’ व्यवस्था पर विचार करे.
आप संयोजक एवं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सत्ता में आने के मुश्किल से दो सप्ताह बाद ही पूर्व नौसेना प्रमुख एवं पार्टी के आंतरिक लोकपाल एडमिरल रामदास ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले पिछले सप्ताह राजनीतिक परामर्श समिति (पीएसी) को लिखे एक पत्र में सिफारिश की है कि पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र को लेकर किसी भी आलोचना से एक स्वतंत्र समूह द्वारा निपटा जाना चाहिए जो आंतरिक लेखा परीक्षा करता है.
रामदास ने यह स्पष्ट करने पर अधिक जोर दिया है कि क्या केजरीवाल दो पद.दिल्ली के मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय संयोजक. संभाल सकते हैं. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि शीर्ष नेतृत्व में ‘‘संवाद और परस्पर विश्वास पूरी तरह से विफल’’ हो गया है जो कि ‘‘अस्वीकार्य’’ है.
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘आज हम एक राष्ट्रीय पार्टी हैं और हम अपनी दृष्टि दिल्ली या राजधानी के भीतर कुछ क्षेत्र तक सीमित नहीं रख सकते,’’ यह रुख केजरीवाल के विपरीत है जिन्होंने कहा है कि पार्टी दिल्ली पर ध्यान केंद्रित रखेगी. केजरीवाल परोक्ष रुप से योगेंद्र यादव सहित उन नेताओं से अप्रसन्न हैं जिन्होंने इसके अन्यथा सुझाव दिये हैं.
आप सूत्रों ने कहा है कि अरविंद केजरीवाल ने इस सप्ताह के शुरु में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन इस कदम का सदस्यों ने जोरदार विरोध किया था.पत्र में यह भी कहा गया है कि आप को सही मायने में महिलाओं के प्रति संवेदनशील पार्टी बनने के लिए प्रयास करना चाहिए क्योंकि न तो उसकी पीएसी और न ही उसके नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार में कोई महिला सदस्य है.