नयी दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने काले धन को संगीन अपराध मानते हुए इस पर लगाम लगाने के लिए वर्तमान सत्र में एक नया विधेयक लाने की आज घोषणा की और साथ ही विदेशी सम्पत्ति छिपाने वालों को 10 वर्ष कारावास की सजा और कर एवं संपत्ति को छिपाने वालों पर कर की मौजूदा दर से 300 प्रतिशत जुर्माना लगाने समेत कई कठोर कदम उठाने प्रस्ताव किया.
लोकसभा में 2015-16 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए यह कानून उनके कर प्रस्तावों का पहला और प्रमुख आधार बनेगा. इस विधेयक में आय एवं सम्पति छुपाने तथा विदेशी सम्पति के संबंध में कर-वंचना के लिए 10 वर्ष की कडी सजा का प्रावधान किया जाएगा.
इन अपराधों को संगीन अपराध माना जाएगा और ऐसे अपराधों के लिए आय और सम्पति पर लगने वाले कर की मौजूदा दर से 300 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा. वर्तमान सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने काले धन पर लगाम लगाने के लिए बेनामी लेन-देन रोकथाम के लिए भी एक नया कानून इसी सत्र में लाने की भी घोषणा की.
नये कानून के तहत एक लाख से अधिक की किसी भी खरीद और बिक्री के लिए पैन नम्बर देना अनिवार्य कर दिया जाएगा और 20 हजार से अधिक का लेन-देन नकद किए जाने पर रोक लगा दी जाएगी. जेटली ने कहा, ‘इस कानून से बेनामी सम्पत्ति कुर्क करने के साथ अभियोग चलाने का मार्ग प्रशस्त हो सकेगा और बेनामी सम्पत्ति के जरिये विशेष तौर पर रियल इस्टेट क्षेत्र में कालाधन सृजन करने के रास्ते बंद किये जा सकेंगे.’
वित्त मंत्री ने कहा कि नये विधेयक में आयकर विवरणी दाखिल न करने और अधूरी जानकारी के दाखिल करने पर 7 वर्ष की कडी सजा का प्रावधान होगा. बैंकों, वित्तीय संस्थानों और व्यक्तियों के मामले में इस विधेयक के आधार पर कार्रवाई की जा सकेगी.
वित्त मंत्री ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 फेमा तथा धन-शोधन कानून-2002 में बदलाव किए जाने का भी प्रस्ताव किया है. जेटली ने अवैध रूप से विदेशों में जमा किए गए काले धन की तलाश जारी रखने और विदेश से धन की वापस लाने की सरकार की प्रतिबद्धता भी दोहरायी.
उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले 9 माह में इस समस्या के समाधान के लिए कई उपाय किए हैं. जेटली ने कहा कि मेक इन इंडिया और घरेलू विनिर्माण से देश में विकास होगा और निवेश में तेजी आएगी, इससे रोजगार पैदा होंगे. इससे मध्यम श्रेणी के करदाताओं को फायदा होगा और देश में न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन से पैदा हुए माहौल से व्यवसाय करने में सुविधा होगी.
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