नयी दिल्ली : रिजर्व बैंक द्वारा मुख्य दरों में कटौती की गुंजाइश का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि खुदरा मुद्रास्फीति करीब पांच प्रतिशत रहने की उम्मीद है जिससे मौद्रिक नीति में नरमी का रास्ता साफ होगा. वित्त मंत्री ने 2015-16 का आम बजट पेश करते हुए कहा, ‘सरकार मौद्रिक नीति का ऐसा ढांचा लागू करेगी जिससे यह सुनिश्चित होगा कि मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से कम रहे.’
उन्होंने कहा, ‘मुद्रास्फीति पर हमारी विजय संस्थागत रहे और बरकरार रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए हमने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति ढांचा समझौता किया है. इस ढांचे का लक्ष्य है मुद्रास्फीति को छह प्रतिशत से कम रखना और हम इस साल आरबीआई अधिनियम में संशोधन करेंगे और मौद्रिक नीति समिति की व्यवस्था करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘मेरी सरकार की उपलब्धियों में से एक है मुद्रास्फीति पर विजय प्राप्त करना.
मुद्रास्फीति में गिरावट से ढांचागत बदलाव की जरुरत होगी.’ उन्होंने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इस साल के अंत तक करीब पांच प्रतिशत रहेगी. इससे मौद्रिक नीति को उदार बनाने में मदद मिलेगी.’ पिछले बजट में वित्त मंत्री ने कहा था आधुनिक मौद्रिक नीति ढांचे की जरुरत है ताकि तेजी से जटिल होती अर्थव्यवस्था की चुनौती से मुकाबला किया जा सके. उन्होंने कहा था कि सरकार इस ढांचे को लागू करने के लिए रिजर्व बैंक के साथ परामर्श कर रही है.