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नीतीश ने कहा, बजट में सिर्फ भाषण, एक्शन प्लान का अभाव

पटना: रेल बजट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि रेल बजट सिर्फ भाषण है. इसमें एक्शन प्लान का अभाव है. केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बजट में अपने इरादे का जिक्र तो किया, लेकिन कार्ययोजना क्या होगी इसके बारे में नहीं बताया? इसे पूरे तौर पर बजट कहा […]

पटना: रेल बजट पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि रेल बजट सिर्फ भाषण है. इसमें एक्शन प्लान का अभाव है. केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बजट में अपने इरादे का जिक्र तो किया, लेकिन कार्ययोजना क्या होगी इसके बारे में नहीं बताया? इसे पूरे तौर पर बजट कहा ही नहीं जा सकता है.

इससे लगता है कि रेल बजट में भाषण तो था, लेकिन बजट नहीं था. रेल का डिब्बा तो था, लेकिन पैसेंजर नहीं थे. इरादों का प्रकटीकरण तो था, लेकिन कार्ययोजना नहीं थी. रेल मंत्री बजट पेश करने के दौरान उत्साह से लबरेज थे. उन्हें मेरी शुभकामना है. ऐसे में कहीं पिछले दरवाजे से रेलवे का निजीकरण ना हो जाये. इसका जरूर ख्याल रखें. इससे रेलवे की मुश्किलें बढ़ जायेगी. कई जगहों पर यह सफल नहीं हुआ है.

7, सर्कुलर रोड स्थित अपने आवास पर मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल बजट में थ्रस्ट एरिया, लक्ष्य व कुछ गोल की बात जरूर कही गयी है, लेकिन वित्तीय वर्ष 2015-16 में क्या करने जा रहे हैं? वर्तमान या पूर्व के सालों में क्या-क्या किया? इसकी क्या स्थिति रही है, रेलवे की क्या प्रगति हुई है इसके बारे में कुछ नहीं बताया गया. ना तो पिछले सालों का विश्लेषण है और ना ही आगे के लिए. यह बजट अधूरा है. सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि संसाधन कैसे जुटाये जायेंगे इसका बजट में जिक्र है. राज्य सरकार और पीपीपी समेत अन्य के सहयोग से इसे करेगी, लेकिन किस प्रकार करेगी इसके बारे में नहीं कहा गया है.

उन्होंने कहा कि यात्री सुविधा के लिए एमपी लैड स्कीम से पैसा लेने से समस्या का समाधान नहीं होगा. इससे छोटी-मोटी राशि आ सकती है, लेकिन पूरे तौर पर समाधान नहीं हो सकता है. यात्री सुविधा और यात्री सेफ यात्र करें यह रेलवे की जवाबदेही है. मेगा ब्रिजेज को पूरा करने के लिए कितनी राशि दी जायेगी इसका पता नहीं है. रेल बजट में सेफ्टी के बारे में कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है. इस बार के बजट में किसी स्पेशिफिक किसी चीज का जिक्र नहीं है. पुराने डिब्बों की जगह नये डिब्बे, 24 बोगी की जगह 26 बोगी यह सब हमारे समय में ही हुआ था. इसमें नया कुछ नहीं है. ट्रेनों की बोगियां बढ़ाने से पहले यह देख ले कि प्लेटफॉर्मो की लंबाई बढ़ी या नहीं. इससे यात्रियों को परेशानी तो नहीं होगी.

सीएम ने कहा कि यात्री भाड़ा में बढ़ोतरी नहीं की जायेगी, यह सुनने में तो अच्छा लगता है. लेकिन लोग उम्मीद कर रहे थे कि रेल किराया में कमी होगी. पिछली बार जिन कारणों से इसमें बढ़ोतरी हुई थी, अगर वही आधार होता तो इस बार रेल किराया घटना चाहिए था. डीजल के दाम में कमी हुई है इससे रेल भाड़ा कम होना चाहिए था. यह अपूर्ण बजट है.

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