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तुषार को मिला हक दी अनोखी परीक्षा

पटना: आखिरकार सेंट जेवियर्स के छात्र तुषार को उसका हक मिल गया. हाइकोर्ट के आदेश पर उसने सभी परीक्षार्थियों के साथ गुरुवार को 10वीं की परीक्षा दी. लेकिन खास बात यह रही कि परीक्षा में सेंट स्कूल प्रशासन की ओर से उसे जो कॉपी दी गयी गयी थी, उसमें न रोल कोड थे और न […]

पटना: आखिरकार सेंट जेवियर्स के छात्र तुषार को उसका हक मिल गया. हाइकोर्ट के आदेश पर उसने सभी परीक्षार्थियों के साथ गुरुवार को 10वीं की परीक्षा दी. लेकिन खास बात यह रही कि परीक्षा में सेंट स्कूल प्रशासन की ओर से उसे जो कॉपी दी गयी गयी थी, उसमें न रोल कोड थे और न ही रोल नंबर थे. इससे तुषार ने हिंदी की परीक्षा बिना रोल नंबर भरे ही दी है. इस संबंध में स्कूल के प्राचार्य ने कुछ भी बोलने से परहेज करते रहे. वहीं तुषार प्रकरण पर आइसीएसइ बोर्ड ने क्या निर्देश दिया है, इस बारे में भी स्कूल प्रशासन की ओर से कोई बोलने को तैयार नहीं है. मालूम हो कि प्रभात खबर ने इस खबर को 25 फरवरी के अंक में प्रमुखता से छापा है.
प्राचार्य का नरम पड़ा तेवर : प्रभात खबर में खबर छपने और हाइकोर्ट के आदेश आ जाने के बाद सेंट जेवियर्स स्कूल के प्राचार्य फादर जैकॉब का तेवर नरम पड़ गया. उन्होंने खुद ही तुषार के पिता प्रदीप कुमार को फोन करके कहा कि कोर्ट का आदेश हो चुका है. आप 26 फरवरी को पहले एग्जाम में बच्चे को 10.30 बजे ले आएं. परीक्षा 11 बजे से शुरू होगी. प्रदीप कुमार ने बताया कि फादर जैकॉब ने काफी विनम्रता से बात की.
उत्साहित दिखा तुषार : गुरुवार को परीक्षा को लेकर काफी उत्साहित था. वह नये यूनिफॉर्म में स्कूल पहुंचा था. खबर छपने के बाद पॉजिटिव नतीजे आये. इस कारण तुषार और पिता प्रदीप कुमार ने प्रभात खबर को धन्यवाद कहा.
रोल नंबर भी नहीं, कॉपी भी अलग: परीक्षा देने से खुश तो था, लेकिन कॉपी को अलग रखे जाने से चिंतित भी था. इसे लेकर उसके मन में सवाल कौंधने लगा है कि आखिर उसकी कॉपी अलग क्यों रखी गयी है. तुषार ने बताया कि मेरी कॉपी को उन सबों के साथ नहीं रखी गयी है. प्राचार्य ने बताया कि उसकी सभी विषयों की कॉपियां अलग रखी जायेंगी. साथ ही जिस कॉपी पर परीक्षा हुई है, उस पर रोल कोड व रोल नंबर ही नहीं थे. इस पर स्कूल प्रशासन कुछ नहीं बोल रहा है.
यह था मामला
सिर्फ पांच दिनों की अनुपस्थिति के कारण नौ माह पहले तुषार को स्कूल से निकाल दिया गया था. इसके बाद पिता ने 22 दिनों तक स्कूल प्रशासन से गुहार लगायी. बात नहीं बनने पर वे बिहार बाल संरक्षण आयोग गये. वहां सुनवाई हुई और स्कूल के प्राचार्य दोषी पाये गये. प्राचार्य ने आयोग की भी बात नहीं मानी और कह दिया था कि मैं आयोग को नहीं आइसीएसइ बोर्ड को मानता हूं. उसके बाद पिता प्रदीप कुमार ने हाइकोर्ट में मामला दर्ज करवाया. उन्हें हड़ताल के दिन मात्र आधा घंटे में जजमेंट मिला. जजमेंट की कॉपी आइसीएसइ, सेंट जेवियर्स स्कूल और पटना डीएम को फैक्स की गयी.

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