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भ्रष्टाचार पर मुखर विधायक को तृणमूल ने किया निलंबित, ममता के खिलाफ बगावत

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस में बगावत के सुर तेज हो गये हैं. बुधवार को पार्टी को उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब दल के विधायक स्वपन कांति घोष विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गये और तृणमूल कांग्रेस संचालित सिउड़ी नगरपालिका में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. बौखलाये तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें तत्काल पार्टी […]

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस में बगावत के सुर तेज हो गये हैं. बुधवार को पार्टी को उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब दल के विधायक स्वपन कांति घोष विधानसभा परिसर में धरने पर बैठ गये और तृणमूल कांग्रेस संचालित सिउड़ी नगरपालिका में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया. बौखलाये तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने उन्हें तत्काल पार्टी से निलंबित कर दिया.

उधर, तृणमूल सुप्रीमो व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी तथा पार्टी महासचिव मुकुल राय के बीच जारी सियासी कशमकश के बीच बुधवार को ही मुकुल के करीबी और बैरकपुर के विधायक शीलभद्र दत्त को संसदीय सचिव पद से हटा दिया गया. इसे मुकुल खेमे को झटका देने की कवायद समझा जा रहा है.

क्या हुआ विधानसभा में: बुधवार की सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद बीरभूम जिले के सिउड़ी के विधायक स्वपन कांति घोष विधानसभा परिसर पहुंचे. उनके हाथों में तृणमूल शासित सिउड़ी नगरपालिका के चेयरमैन पर विकास राशि में घपला करने का आरोप लगाते हुए एक तख्ती थी. उन्होंने अपने ड्राइवर की मदद से परचे वितरित करने की कोशिश की, लेकिन मार्शल ने ऐसा करने से रोक दिया. बाद में घोष विधानसभा के गेट पर प्लेकार्ड (इश्तिहार लिखी तख्ती) लेकर धरने पर बैठ गये. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी की सह पर मार्शल ने उनके ड्राइवर के साथ धक्का मुक्की की. उन्होंने कहा कि सिउड़ी नगरपालिका के चेयरमैन ने केंद्रीय योजना की 10.36 करोड़ रुपये की राशि में घपला किया है.
विपक्ष ने जताया समर्थन
विधानसभा के गेट पर विरोध प्रदर्शन कर रहे घोष से मिलने व उनसे सहमति जताने विरोधी दल के नेता डॉ सूर्यकांत मिश्र, कांग्रेस दल के नेता मोहम्मद सोहराब व भाजपा विधायक शमिक भट्टाचार्य पहुंचे और उनके पक्ष का समर्थन करते हुए सरकार पर भ्रष्टाचार को प्रश्रय देने का आरोप लगाया. बाद में घोष से मिलने शहरी विकास मामलों के मंत्री फिरहाद हकीम भी पहुंचे. उन्होंने घोष को मनाने की पूरी कोशिश की, लेकिन नाकाम रहे. अतत: विधानसभा में पार्थ चटर्जी के नेतृत्व में पार्टी की अनुशासन रक्षा कमेटी की बैठक हुई. बैठक के बाद घोष को निलंबित करने की घोषणा की गयी. अपने निलंबन पर प्रतिक्रिया जताते हुए घोष ने कहा कि यदि उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया जाता तो ज्यादा खुशी होती. यह पूछे जाने पर क्या वह किसी अन्य पार्टी में शामिल हो रहे हैं, घोष ने कोई साफ जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि भविष्य का निर्णय भविष्य में ही होगा.

आरोप-प्रत्यारोप
सिउड़ी नगरपालिका चेयरमैन ने केंद्रीय योजना के 10.36 करोड़ रुपये में घपला किया है. फिरहाद हकीम व मुख्यमंत्री को पत्र लिखा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. ढाई वर्षो से पार्टी में आवाज उठा रहा हूं, लेकिन कोई सुन नहीं रहा था. केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू से मिलंगू. नायडू ने मिलने का समय दिया है. समस्या का समाधान नहीं निकला,तो हाइकोर्ट जाऊंगा. -स्वपन कांति घोष, तृणमूल से निलंबित विधायक
पार्टी अनुशासन रक्षा कमेटी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण स्वपन कांति घोष को निलंबित करने का निर्णय लिया है. घोष के खिलाफ जांच लंबित है. विधायक ने दूसरे राजनीतिक दल के उकसाने व राजनीतिक साजिश के तहत अपनी ही पार्टी के खिलाफ आरोप लगाये हैं. खुद घोष के खिलाफ कई आरोप हैं, जिसकी जांच होगी.
-पार्थ चटर्जी, शिक्षा मंत्री, पश्चिम बंगाल

हुमायूं कबीर ने ममता पर बोला हमला

तृणमूल कांग्रेस ने मुकुल राय के करीबी माने जाने वाले बैरकपुर के विधायक शीलभद्र दत्त को संसदीय सचिव पद से हटा दिया है. दत्त फिलहाल दिल्ली में हैं. सूचना के अनुसार, बुधवार को मुकुल राय के साथ उनकी बैठक भी हुई है. दूसरी ओर, मुकुल के करीबी माने जाने वाले पूर्व मंत्री हुमायूं कबीर ने मंगलवार को कारण बताओ नोटिस जारी किये जाने के बाद ममता बनर्जी पर हमला बोला. कबीर ने मुकुल का पक्ष लेते हुए कहा कि पार्टी में पद योग्यता से हासिल किया जाता है.

राज्य में कुल 77000 बूथ हैं, इसमें 30000 पार्टी नेताओं को मुकुल राय पहचानते हैं. मुकुल राय ने तृणमूल कांग्रेस को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है, लेकिन ममता बनर्जी अपने भतीजे को अपने बाद मुख्यमंत्री बनाना चाहती हैं, लेकिन उनका सपना कभी भी पूरा नहीं होगा. वर्तमान में पार्टी के 199 विधायक हैं. मुकुल समर्थित 50 विधायक उनका (ममता) साथ छोड़ते हैं तो सरकार अल्पमत में आ जायेगी.

क्या कहा सिउड़ी नपा चेयरमैन ने
सिउड़ी नगरपालिका के चेयरमैन उज्‍जवल मुखर्जी ने कहा कि बागी हो चुके विधायक स्वपन कांति घोष पार्टी को बदनाम करने के लिये आर्थिक गबन का झूठा आरोप लगा रहे हैं. उन्हें मीडिया में बने रहने का शौक है. पार्टी नेतृत्व ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है. इधर, विधायक के समर्थकों ने नगरपालिका के समक्ष धरना प्रदर्शन किया.

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