नयी दिल्ली : आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में याचिकाकर्ता आदित्य वर्मा और राजनेता सुबोध कांत सहाय ने आज उच्चतम न्यायालय से न्यायमूर्ति आरएम लोढा को दो मार्च को होने वाले बीसीसीआई चुनावों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करने का आग्रह किया और साथ ही यह सुनिश्चित करने की मांग की कि वार्षिक आम बैठक मुंबई में हो, चेन्नई में नहीं.
पूर्व सांसद और झारखंड क्रिकेट संघ के प्रमुख सहाय ने कहा, मैं माननीय उच्चतम न्यायालय से आग्रह करुंगा कि वे बीसीसीआई को निर्देश दे कि उसके चुनाव माननीय न्यायमूर्ति लोढा की निगरानी में हो जिन्हें आईपीएल स्पाट फिक्सिंग मामले की जांच की अगुआई के लिए नियुक्त किया गया है. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने का यही एक तरीका है. इस दौरान वर्मा कांग्रेस नेता सहाय के साथ मौजूद थे. सहाय ने मीडिया से बातचीत में कहा कि श्रीनिवासन 16 मई 2014 से अदालत के सभी आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं.
उच्चतम न्यायालय ने आठ फरवरी को भी कहा था कि श्रीनिवासन को हितों के टकराव के मामले के कारण बीसीसीआई की कार्य समिति की बैठक की अध्यक्षता नहीं करनी चाहिए थी. इस मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी और सहाय ने उम्मीद जताई कि उच्चतम न्यायालय चेन्नई में हुई गैरकानूनी बैठक में लिए सभी फैसलों को निरस्त कर देगा.
सहाय ने कहा, यह हैरानी भरा है कि श्रीनिवासन बीसीसीआई में पद के लिए किस हद तक जा सकते हैं. नौ दिसंबर 2014 को श्रीनिवासन के वकील को अदालत में स्वीकार करना पडा था कि बैठक में हिस्सा लेना उनकी गलती थी. इसके बावजूद आठ फरवरी 2015 को श्रीनिवासन ने यह कहते हुए बैठक की अध्यक्षता की कि अदालत ने उन्हें क्लियर कर दिया है. सहाय ने साथ ही बताया कि चेन्नई की जगह मुंबई में बीसीसीआई मुख्यालय में चुनाव कराना क्यों महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा, यह मानक है कि चुनाव बीसीसीआई मुख्यालय में होते हैं. इसके अलावा कई सदस्यों ने निजी तौर पर हमें कहा है कि अगर बैठक चेन्नई में होती है तो श्रीनिवासन के लोग उन्हें अपनी बात रखने से रोक सकते हैं.