नयी दिल्ली/मुंबई : पेट्रोलियम जासूसी कांड मामले में आज पांच आरोपियों की पेशी होगी. कोर्ट ने इन्हें गिरफ्तारी के बाद 24 फरवरी तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया था. आज आरआईएल के शैलेश सक्सेना, एस्सार के विनय कुमार, केयर्न एनर्जी के के.के. नायक, जुबिलैंट एनर्जी के सुभाष चंद्रा और एडीएजी रिलायंस के ऋषि आनंद कर पेशी होनी है. उल्लेखनीय है कि जासूसी मामले में गिरफ्तार आरोपियों में से चार को पहले ही जेल भेजा जा चुका है. वहीं बजट सत्र से ठीक पहले देश को हिला देनेवाले मंत्रालयों से गोपनीय दस्तावेज की चोरी मामले के तार पाकिस्तान और चीन से जुड़ रहे हैं.
ऐसी आशंका है कि ये दस्तावेज चीन और पाक को भी बेचे गये. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रयास जैन और शांतनु सैकिया के 250 से अधिक ग्राहक हैं, जिनमें कई विदेशों में हैं. जैन ने माना भी है कि वह विदेशी ग्राहकों को गोपनीय सूचना बेचता था. ये कंपनियां ऊर्जा, कोयला, तेल और गैस से जुड़ी हैं. मंत्रालयों से सूचना पाने के लिए प्रयास एक लाख रुपये तक देता था. इन दस्तावेजों को वह पांच लाख से दो करोड़ रुपये तक में बेचता था.
एक वरिष्ठ अफसर ने बताया कि कुछ ऐसे दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और कई बड़े प्रोजेक्ट के लिए खतरा पैदा कर सकते थे. क्राइम ब्रांच का दावा है कि उन्हें ये दस्तावेज आशाराम, उसके बेटों राकेश, लालता प्रसाद, ईश्वर सिंह, राज कुमार चौबे, पूर्व पत्रकार शांतनु समेत कई लोगों के यहां से जूट के बैगों में मिले हैं.
पुलिस को मिले अहम सुराग!
पांच कंप्यूटर और लैपटॉप, हार्ड डिस्क और कुछ अन्य डिवाइस मिले हैं, जिनमें हजारों डॉक्युमेंट होने की बात कही जा रही है. इन्हें एक्सपर्ट्स की मदद से एनालाइज किया जा रहा है. इनके ऑफिशियल और पर्सनल ई-मेल भी चेक किये जा रहे हैं.
विदेश यात्रा करनेवाले अधिकारियों पर नजर
जासूसी की गुत्थी सुलझाने के लिए आइबी ने दो साल में विदेश यात्र करनेवाले विभिन्न मंत्रलयों के अफसरों की जांच शुरू कर दी है. पुलिस ने 55 लोगों की सूची बनायी है, जो सैकिया, जैन के संपर्क में थे.
पीएमओ से पहले कंपनियों को मिल जाती थी फाइल
पुलिस को पूछताछ में पता चला है कि सरकार की किसी योजना पर काम करने और फैसला लेने की जानकारी पीएमओ या संसद से पहले सीधे कॉरपोरेट कंपनियों को मिल जाती थी. सूत्रों ने बताया कि इन दस्तावेजों पर अंडर सेक्रेटरी, ज्वाइंट सेक्रेटरी, सेक्रेटरी और मंत्रियों एवं संसदीय समितियों के सदस्यों तक के हस्ताक्षर हैं. हाइड्रोकार्बन प्रोडक्शन पर कैबिनेट रिपोर्ट से लेकर तेल कंपनियों के लिए लाइसेंसिंग पॉलिसी पर कैबिनेट नोट भी इसमें शामिल है.
एक और गिरफ्तार
मंत्रालयों के ‘खुफिया’ दस्तावेज कथित रूप से रखने पर सोमवार को नोएडा के कंसल्टेंसी फर्म में काम करनेवाले लोकेश को गिरफ्तार किया गया. इसके साथ ही मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या 13 हो गयी. उधर, चार आरोपियों ने आरोप लगाया कि उन्हें सादे कागजों पर साइन करने के लिए मजबूर किया गया. पुलिस ने लोकेश को द्वारका के चीफ मजिस्ट्रेट सतीश कुमार अरोड़ा के समक्ष पेश किया. बताया कि उसके पास से कोयला, बिजली, अन्य मंत्रालयों करे‘संवेदनशील’ दस्तावेज कथित रूप से बरामद हुए.
कोर्ट ने आरोपी को इस आधार पर पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया कि साजिश का पता लगाने और इस मामले में उससे जुड़े अन्य लोगों को गिरफ्तार करने के लिए उससे पूछताछ की जरूरत है. उधर, पेट्रोलियम मंत्रलय से दस्तावेज लीक मामले में गिरफ्तार लालता प्रसाद, राकेश कुमार, प्रयास जैन और शांतनु सैकिया को पटियाला हाउस कोर्ट के मजिस्ट्रेट धीरज मित्तल को छह मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया.