सहरसा सिटी: भारत का अर्थ केवल भूमि नहीं है. भारत एक ऐसा देश है, जहां धर्म है. ईश्वर ने मनुष्य के साथ वेद भी भेजा, वेद के शुरू से ही चार रूप थे. ब्रह्ना वेद के सर्वज्ञाता थे. वेदकालीन भारत में संपूर्ण विश्व में हिंदू राज करते थे. यह बातें रविवार को विद्यापति नगर स्थित प्रियदर्शी विवाह भवन में बिहार सांस्कृतिक विकास परिषद के द्वारा मतांतरण से घटता भारत, विषय पर आयोजित सेमिनार को संबोधित करते धर्मजागरण समन्वय विभाग के क्षेत्र प्रमुख सुबेदार जी ने कही. उन्होंने कहा कि हिंदू को अपनों पर विश्वास करना होगा. धरती हिंदू विहीन हो गया था, बौद्ध धर्म हो गया था. विज्ञान जहां समाप्त होता है.
अध्यात्म वहां से शुरू होता है. भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल नारायण सिंह ने कहा कि सबल व एकता देश को उपर ले जा सकता है. एकता की अपार संभावनाएं है. हम एकत्रित होकर देश को नई उंचाई तक ले जा सकते हैं. हमारे नेतृत्व में दृढ़ता होनी चाहिए. यही कारण है कि हमारी संख्या को कमजोर करने की साजिश की जा रही है. लेकिन हम कमजोर नहीं है. सबसे पहले हमें अपने पड़ोसी की चिंता करनी चाहिए. इससे चोरी, बीमारी सब रूक जायेगा. पूर्व सहसंघ चालक हरिनंदन सिंह की अध्यक्षता व रतन सिन्हा के संचालन में चले कार्यक्रम को संबोधित करते एबीवीपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ रामनरेश सिंह ने कहा कि मतांतरण के कारण ही भारत में विभिन्न क्षेत्रों में भ्रष्टाचार, आतंकवाद पनप रहे है.
संविधान में समता मूलक शब्द का प्रयोग है. लेकिन धर्मनिरपेक्षता का नहीं. धर्म कर्तव्य से जुड़ा है. भारत की राष्ट्रीयता भारतीय है. भारत में मुसलमानों की संख्या काफी नगण्य थी. लेकिन अचानक इसमें काफी वृद्धि हुई है. पूर्व विधायक सुरेंद्र यादव ने कहा कि आपसी मनमुटाव व एकता की कमी हिंदुत्व के घटने का कारण है. दो बच्चे का नियम भी हिंदू पर लागू हुआ. जातिबंधन का खात्मा आवश्यक है. अंतर्राज्यीय विवाह को प्रोत्साहन देना चाहिए. ताकि एक दूसरे में प्रेम बढ़ सके. पूर्व विधायक संजीव झा ने कहा कि जहां हिंदू घटता है.
वहां अलगाव की बू आने लगती है. धर्म जागरण ने कई जगहों पर लोगों को पुन: हिंदू धर्म में वापस लाकर भारत को बचाने का काम किया है. देश को बचाना है तो सत्ता को अलग रख कर संघर्ष करना होगा. पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने कहा कि जो अपने परिवार का नहीं हो सकता. वह किसी का नहीं हो सकता. सैद्धांतिक नहीं बल्कि व्यवहारिक बात करनी होगी. हिंदू जैसा कोई धर्म नहीं है. तात्कालिक लाभ के लिए हिंदू धर्म को दांव पर नहीं लगाना चाहिए. इससे पूर्व आगत अतिथियों को पाग, चादर व माला पहना कर स्वागत किया गया. मौके पर धर्म जागरण विभाग के उत्तर बिहार संयोजक भूपेंद्र प्रियदर्शी, डॉ रवींद्र कुमार सिंह, उदाहरण भगत, ललनेश्वर झा, दीनानाथ झा, नरेश यादव, प्रदीप जायसवाल, भगवान हेंब्रम, प्रो अशोक झा, राणा रणधीर सिंह, रत्नेश्वर झा, चंद्रशेखर झा, विजय झा, शालिग्राम देव, आशीष टिंकू सहित अन्य मौजूद थे.