13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बेटी को छत से दिया गया धक्का

पटना: बेंगलुरु से एमसीए कर चुकी स्वीटी कुमारी पटना के मदर्स गल्र्स हॉस्टल (मछुआ टोली) की दूसरी मंजिल पर मौजूद कमरा नंबर 106 में रह कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करती थी. 22 फरवरी को उसे आइबी व अगले दिन एसएससी की परीक्षा देनी थी, लेकिन 21 फरवरी की शाम छह बजे से 9.30 बजे […]

पटना: बेंगलुरु से एमसीए कर चुकी स्वीटी कुमारी पटना के मदर्स गल्र्स हॉस्टल (मछुआ टोली) की दूसरी मंजिल पर मौजूद कमरा नंबर 106 में रह कर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करती थी. 22 फरवरी को उसे आइबी व अगले दिन एसएससी की परीक्षा देनी थी, लेकिन 21 फरवरी की शाम छह बजे से 9.30 बजे के बीच उसकी मौत हो गयी. हॉस्टल के छठी मंजिल पर उसकी चप्पल वह चाय की गिलास मिली है, जिससे यह माना जा रहा है कि वह छत पर गयी थी.

शव हॉस्टल के पीछे दूसरे गल्र्स हॉस्टल की छत पर मिला है. जहां शव मिला है, उसके बगल में खंडहर और झाड़ी हैं. अब सवाल यह है कि स्वीटी की मौत कैसे हुई? उसके सिर के पिछले हिस्से में गहरे जख्म मिले हैं और गरदन की हड्डी बाहर निकली हुई थी. उसने छत से खुद छलांग ली या फिर उसे धक्का दे दिया गया, यह रहस्य अब भी बना हुआ है.

पुलिस ने कहा, की जा रही है जांच
पोस्टमार्टम के लिए आये नालंदा के सोनियहवां निवासी व स्वीटी के पिता सुधीर प्रसाद ने आरोप लगाया है कि हॉस्टल की छात्राओं ने मिल कर उसे छठी मंजिल से धक्का दे दिया. उन्होंने कदमकुआं थाने में इसका आवेदन दिया है. हालांकि पुलिस का कहना है कि छात्र ने छत से कूद कर आत्महत्या कर ली है. हकीकत क्या है, इसका अनुसंधान जारी है. पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार है.
हॉस्टल की खामियां
गर्ल्‍स हॉस्टल होने के बावजूद वहां ज्यादा संख्या में पुरुष कर्मचारी काम करते हैं
इंट्री रजिस्टर को सही ढंग से नहीं भरवाया जाता है, समय और तारीख एडवांस में भरे हुए मिले हैं
छात्राओं की सुरक्षा के लिए कोई सुरक्षा कर्मी नहीं रखा गये है
मॉनीटरिंग नहीं होने से छात्रएं देर शाम में भी टॉप फ्लोर तक घूमने चली जाती हैं.
क्या कहते हैं हॉस्टल वार्डेन
हॉस्टल वार्डेन के मुताबिक 50 कमरों में हॉस्टल चलता है. इस समय में वहां कुल 130 छात्रएं हैं. स्वीटी के बारे में उन्होंने कहा कि काफी अच्छी लड़की थी. उसे कभी तनाव में नहीं देखा. छत से कूदने के पीछे क्या कारण हो सकता है, नहीं बता सकता. वहीं परिजनों के अनुसार स्वीटी तीन बहनों व एक भाई में तीसरे नंबर पर थी. उसके पिता गांव पर ही किराना स्टोर चलाते हैं. बड़ी बहन ने बताया, वह पढ़ने में अव्वल थी.
3.05 बजे हॉस्टल से बाहर गयी थी स्वीटी
हॉस्टल में रखे इंट्री रजिस्टर के मुताबिक 21 फरवरी को दिन में 3.05 बजे स्वीटी मार्केट गयी थी और 3.20 बजे वापस आ गयी थी. इसके बाद उसके गांव की रहनेवाली उसकी रूम पार्टनर सोनी कुमारी मार्केट गयी हुई थी. सोनी करीब छह बजे मार्केट से आयी. जब वह कमरे में गयी, तो वहां स्वीटी नहीं थी. उसका मोबाइल कमरे में ही था. उसे लगा कि स्वीटी छत पर गयी है. इसके बाद सोनी सो गयी. रात 9.30 बजे जब उसकी आंख खुली, तो वह स्वीटी की तलाश शुरू की. वह छत पर गयी तो स्वीटी की चप्पल और चाय की गिलास वहां पड़ी हुई थी, लेकिन स्वीटी नहीं थी. इसकी जानकारी सोनी ने हॉस्टल वार्डेन चंद्रशेखर प्रसाद सिंह को दी. खोजबीन में जब छत के नीचे देखा गया तो दूसरे गल्र्स हॉस्टल की छत पर उसका शव पड़ा हुआ था. वहां काफी अंधेरा था. बहुत मुश्किल से टॉर्च से शव को तलाशा गया. इसके बाद पुलिस व स्वीटी के घरवालों को सूचना दी गयी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें