बेंगलुरु : कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वे सहिष्णुता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बातें करके कांग्रेस ‘‘ की जगह लेने’’ का प्रयास कर रहे हैं. साथ ही, उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि क्या , ‘‘किसी का स्वभाव बदल सकता है.’’ सिंह ने दावा किया, ‘‘ आज धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा को चुनौती दी जा रही है. हमारे लिए धर्मनिरपेक्षता का मतलब क्या है. इसका मतलब ‘‘सर्व धर्म समभाव’’ है. और अब प्रधानमंत्री कांग्रेस पार्टी की जगह लेने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन क्या किसी का स्वभाव बदल सकता है ?’’
सिंह ने यहां पंडित जवाहरलाल नेहरु की 125वीं जयंती पर आयोजित एक समारोह में कहा, ‘‘ श्रीमान मोदी अब सहिष्णुता की बात कर रहे हैं. वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों की बात कर रहे हैं.’’ ‘‘सांप्रदायिक’’ होने के लिए मोदी पर हमला बोलते हुए सिंह ने सवाल किया कि क्या उन्हें वर्ष 2002 के गुजरात दंगों पर अफसोस है या क्या पीडितों को न्याय दिलाया गया है. उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उनसे पूछना चाहता हूं. क्या वह इस बात का पश्चाताप कर रहे हैं कि गुजरात दंगों में हजारों मासूम लोग मारे गए ? क्या वह 2002 के दंगों के पीडितों को न्याय दिलाने के लिए तैयार हैं? ये वे मुद्दे हैं जिनका जवाब मोदी को पहले देना चाहिए.’’ सिंह ने मोदी से यह भी सवाल किया कि क्या वह मुजफ्फरनगर दंगों में आरोपी भाजपा नेता के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार हैं या क्या वह देश को बांटने वाली ‘‘रामजादा और टिप्पणी करने वाली केंद्रीय मंत्री को हटाएंगे? ’’ सिंह ने मोदी से कहा कि वह अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के मुद्दे पर बोलने से पहले काम करें.
उन्होंने कहा, ‘‘ यदि वह देश को एकजुट रखने के लिए गंभीर हैं , यदि वह अल्पसंख्यकों के हितों का ध्यान रखने के लिए गंभीर हैं तो पहले उन्हें काम करना होगा. केवल जुबानी जमाखर्च से कुछ नही होता.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी मुठभेडों की जांच करने वाले अधिकारियों को ‘‘परेशान’’ किया जा रहा है और तीस्ता सीतलवाड जैसे कार्यकर्ताओं को प्रताडित किया जा रहा है जिन्होंने धर्मनिरपेक्षता की लडाई लडी. दिग्विजय ने कहा, ‘‘क्या ये न्याय है? प्रसिद्ध कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड जिसने गुजरात दंगों के प्रभावित लोगों के न्याय की लडाई लडी , उसे परेशान किया जा रहा है. ’’