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14 वर्ष से शिक्षा सेवा में नहीं हुई है नियुक्ति
अब तक नहीं बनी सेवा शर्त नियमावली रांची : राज्य गठन के बाद से अब तक शिक्षा सेवा में नियुक्ति नहीं हुई है.इससे राज्य में शिक्षा अधिकारियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है. शिक्षा अधिकारी लगातार सेवानिवृत्त हो रहे है. इस वर्ष भी दर्जन भर पदाधिकारी सेवानिवृत्त होंगे. झारखंड में शिक्षा सेवा शर्त […]
अब तक नहीं बनी सेवा शर्त नियमावली
रांची : राज्य गठन के बाद से अब तक शिक्षा सेवा में नियुक्ति नहीं हुई है.इससे राज्य में शिक्षा अधिकारियों की संख्या लगातार कम होती जा रही है. शिक्षा अधिकारी लगातार सेवानिवृत्त हो रहे है. इस वर्ष भी दर्जन भर पदाधिकारी सेवानिवृत्त होंगे. झारखंड में शिक्षा सेवा शर्त नियमावली भी नहीं बनी है.
राज्य गठन के बाद राज्य में प्राथमिक से लेकर प्लस टू उच्च विद्यालय की संख्या दोगुनी हो गयी है. बच्चों की संख्या में भी काफी बढ़ोतरी हुई है. राज्य गठन के समय प्राथमिक व मध्य विद्यालय में लगभग 19 लाख विद्यार्थी थे जो बढ़कर 40 लाख हो गयी है. साथ ही मध्याह्न् भोजन योजना, सर्व शिक्षा अभियान, माध्यमिक शिक्षा अभियान कार्यक्रम चल रहे हैं. नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के प्रभावी होने के बाद प्रारंभिक शिक्षा के कार्य क्षेत्र में बढ़ोतरी हुई है.इसके बावजूद नये पद का सृजन नहीं किया गया है. इससे गत 15 वर्ष से पदाधिकारियों को नियमित प्रोन्नति नहीं मिल रही है.
पदाधिकारियों को नियमित प्रोन्नति एवं एसीपी/एमएसीपी का लाभ नहीं मिला है. राज्य में क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी के 64 पद पूर्व से स्वीकृत हैं. राज्य गठन के बाद नये प्रखंडों के सृजन के फलस्वरूप प्रशासनिक दृष्टिकोण से नये सिरे से क्षेत्र के साथ प्रखंडों को चिह्न्ति किया जाना आवश्यक है. एक क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी के अंतर्गत साधारणत: तीन प्रखंड आते हैं. राज्य में गठित नये प्रखंड के लिए 22 नये क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारियों की आवश्यकता है.
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