पिछले वर्ष चार अगस्त को जेठा हुआ था गिरफ्तार रांची: उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ के जोनल कमांडर जेठा कच्छप से विधायक एनोस एक्का के संपर्क की पुलिस ने जांच नहीं की. जेठा कच्छप की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने विभिन्न बिंदुओं पर अनुसंधान शुरू हुई थी, लेकिन इस बिंदु पर पुलिस ने कोई जांच नहीं की. पुलिस की जांच रिपोर्ट में भी इससे संबंधित किसी बात का जिक्र नहीं है, जबकि जेठा ने गिरफ्तारी के बाद अपने संपर्क के बारे पुलिस को जानकारी दी थी. पुलिस की जांच रिपोर्ट में सिर्फ इस बात का जिक्र है कि जेठा ने पुलिस को बताया कि पीएलएफआइ के खिलाफ पुलिस ने बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया था, इसलिए मैं पुलिस का ध्यान भटकाने के लिए रांची शहर एवं आसपास के क्षेत्रों में संगठन का प्रचार- प्रसार करने लगा. इसके साथ ही लेवी वसूलने का काम करने लगा. पूछताछ में जेठा ने जो दी थी जानकारी जेठा ने पुलिस को बताया था कि पिछले लोकसभा चुनाव में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों ने पीएलएफआइ से सहयोग लिया था. टोकरी छाप को वोट देने के लिए संगठन को सहयोग राशि भी मिला था. उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में टोकरी छाप चुनाव चिह्न एनोस एक्का का था. पुलिस की जांच पर उठ रहे सवाल -क्या पुलिस ने जान बूझ कर इस बिंदु पर जांच नहीं की. – जब जेठा ने पुलिस को जानकारी दी, तब इसका सत्यापन नहीं किया गया. – क्या पुलिस ने जान बूझ कर जांच रिपोर्ट में एनोस एक्का का नाम आने नहीं दिया.
जेठा से एनोस के संपर्क की पुलिस ने नही की जांच
पिछले वर्ष चार अगस्त को जेठा हुआ था गिरफ्तार रांची: उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ के जोनल कमांडर जेठा कच्छप से विधायक एनोस एक्का के संपर्क की पुलिस ने जांच नहीं की. जेठा कच्छप की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने विभिन्न बिंदुओं पर अनुसंधान शुरू हुई थी, लेकिन इस बिंदु पर पुलिस ने कोई जांच नहीं की. […]
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