नयी दिल्ली : बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के इस्तीफे के बाद राजग ने आज पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक महादलित का बलिदान करने का आरोप लगाया, जबकि कांग्रेस का मानना है कि भाजपा की घबराहट के चलते विश्वास मत से कुछ ही घंटे पहले मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने इस्तीफा दिया और बिहार के चुनाव में इस दल को अपने षडयंत्र की कीमत चुकानी पड़ेगी.
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, नीतीश कुमार को बिहार की जनता को जवाब देना होगा और उसे यह समझाना होगा कि उन्होंने आठ महीने पहले मांझी को मुख्यमंत्री क्यों बनाया था. प्रधान ने कहा, नीतीश कुमार अपने राजनीतिक अवसरवाद के लिए इस तरह का खेल खेलते रहे हैं. उनका कोई सिद्धांत नहीं है. वह सत्ता में बने रहने के लिए इस तरह की अनैतिक चीजें करते रहते हैं.
बिहार की जनता यह सब देख रही है. लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और केंद्र की राजग सरकार में मंत्री राम विलास पासवान ने कहा, नीतीश कुमार ने महादलित की राजनीति करके पहले दलितों में विभाजन पैदा किया. उन्होंने पहले पासवान समुदाय को नुकसान पहुंचाया. खुद सत्ता हासिल करने के लिए अब उन्होंने एक महादलित जीतन राम मांझी का बलिदान किया.
भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि भाजपा महादलित मुख्यमंत्री के साथ खड़ी थी. पूरे मामले को जदयू का आंतरिक मामला बताते हुए शाहनवाज ने कहा कि किस गुट को बहुमत है इसका फैसला सदन में होना था. जो उचित था भाजपा उसके साथ खड़ी थी. हमने एक महादलित को अधर में नहीं छोड़ा. हम पूरी मजबूती से उनके साथ खड़े रहे.