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25 से चार दिवसीय हड़ताल

टकराव: श्रमायुक्त ने बैंक पर नयी दिल्ली में बुलायी त्रिपक्षीय बैठक आसनसोल : आगामी 20 फरवरी को केंद्रीय श्रमायुक्त के समक्ष होनेवाली त्रिपक्षीय बैठक को देखते हुए यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 21 फरवरी से होनेवाली चारदिवसीय हड़ताल को लंबित करते हुए 25 फरवरी से चार दिवसीय हड़ताल करने की घोषणा की है. […]

टकराव: श्रमायुक्त ने बैंक पर नयी दिल्ली में बुलायी त्रिपक्षीय बैठक
आसनसोल : आगामी 20 फरवरी को केंद्रीय श्रमायुक्त के समक्ष होनेवाली त्रिपक्षीय बैठक को देखते हुए यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने 21 फरवरी से होनेवाली चारदिवसीय हड़ताल को लंबित करते हुए 25 फरवरी से चार दिवसीय हड़ताल करने की घोषणा की है. यूनियन सूत्रों का कहना है कि बैठक विफल होने पर तैयारी के लिए कुछ समय की जरूरत होगी.
नेशनल बैंक इंप्लाइज कंफेडरेशन के रिजनल सचिव अरूणाव भौमिक एवं यूएफबीयू के इस्ट जोन के कन्वेनर अभिजीत दूबे ने बताया कि वेतन वृद्धि सहित विभिन्न मांगों के समर्थन में लंबे समय से आंदोलन चल रहा है. बैंक प्रबंधन व सरकार क ेरवैये को देखते हुये आगामी 21 फरवरी से चार दिवसीय हड़ताल की घोषणा की गयी थी. इस मुद्दे पर शुक्रवार को मुख्य श्रमायुक्त ने नयी दिल्ली में त्रिपक्षीय बैठक बुलायी है. इसमें यूएफबीयू, आईबीए प्रतिनिधि शामिल होंगे. उन्होंने कहा कि इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) के अड़ियल रवैये के कारण टकराव की स्थिति बनी हुई है. यदि उसके रवैये में कोई बदलाव नहीं आया तो श्रमामुक्त के साथ प्रस्तावित त्रिपक्षीय बैठक में कोई फैसला आने की संभावना काफी कम है.
उन्होंने कहा कि इस बैठक केकारण ही हड़ताल की तिथि में बबदलाव किया गया है. बैठक विफल होने पर 25 फरवरी से चारदिवसीय हड़ताल की जायेगी.
चार दिवसीय हड़ताल के समर्थन में शुक्रवार को यूएफबीयू द्वारा बीएनआर स्थित एसबीआइ की मुख्य शाखा कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया जायेगा. आईबीए द्वारा आश्वासन देने पर दो बार चार दिवसीय हड़ताल स्थगित की गयी है. लेकिन आईबीए ने इसके बावजूद कोई पहल नहीं की. जिससे बाध्य होकर हड़ताल पर जाने को छोड़कर कोई विकल्प नहीं रह गया है. उन्होंने बताया कि वेतन वृद्धि की मांग पर बीते माह ही होने वाली यह चार दिवसीय हड़ताल को देखते हुए आईबीए ने यूएफबीयू समेत अन्य बैंक यूनियनों के साथ बैठक की थी.
लेकिन आईबीए ने बैंक कर्मियों के वेतन में वृद्धि 11 प्रतिशत से बढ़ाकर 11.5 प्रतिशत करने पर सहमति जताई थी. जिसे बैंक यूनियनों ने पूरी तरह से खारिज कर दिया था. बैंक यूनियनों ने वेतन वृद्धि में 25 प्रतिशत वृद्धि की मांग को घटाकर 19.5 प्रतिशत वृद्धि करने पर सहमति जतायी थी.
गौरतलब है कि इसके पहले बैंक यूनियनों द्वारा बीते दिसंबर में राष्ट्रव्यापी रिले हड़ताल हो चुकी है. यूनियनों के इस क ड़े निर्णय से आम ग्राहकों तथा व्यवसायियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. चार दिवसीय हड़ताल बैंकिंग क्षेत्र की सबसे बड़ी हड़ताल होगी. एक मार्च को रविवार होने के कारण बैंकों में कामकाज पांच दिनों तक ठप्प रहेगा. इससे व्यवसायिक गतिविधियां बाधित होंगी.

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