12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मनोरोगियों की भी पीड़ा समझे कोई

संपादक महोदय, हमारा देश भारत लोकतांत्रिक देश है. इस देश में सभी को जीने का बराबर हक है. चाहे वह गरीब हो या अमीर. चाहे वह किसी भी मजहब या जाति का हो, पुरु ष हो या महिला, सभी को समान हक मिला है. इस बीच एक ऐसी भी बिरादरी है, जिन्हें समाज में तुच्छ […]

संपादक महोदय, हमारा देश भारत लोकतांत्रिक देश है. इस देश में सभी को जीने का बराबर हक है. चाहे वह गरीब हो या अमीर. चाहे वह किसी भी मजहब या जाति का हो, पुरु ष हो या महिला, सभी को समान हक मिला है. इस बीच एक ऐसी भी बिरादरी है, जिन्हें समाज में तुच्छ दृष्टि से देखा जाता है.
वे हैं मानसिक रोगों से पीड़ित लोग. इन्हें समाज में अलग संज्ञा दी जाती है. उन्हें काम नहीं दिया जाता है. यदि उन्हें काम मिल भी जाये, तो विभिन्न प्रकार से उनका कार्य करना दुरूह कर दिया जाता है. समाज के ताने सुन-सुन कर मानसिक रोग से पीड़ित लोग अंत में आत्महत्या करने पर विवश हो जाते हैं. महोदय, मैं आपके लोकिप्रय अखबार के माध्यम से लोगों से विनती करता हूं कि मानसिक रोग से पीड़ित लोग भी सामान्य जिंदगी जी सकते हैं, बशर्ते कि उनके साथ कोई भेदभाव न हो.
पंकज, रांची

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें