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रामदेव हत्याकांड : सुप्रीम कोर्ट का एसएसपी को आदेश
भागलपुर: कोर्ट से हत्या के मामले में सजा सुनाये अपराधी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सके हैं. इस तरह की लापरवाही कतई बरदाश्त के लायक नहीं है. यह गंभीर टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यीय पीठ न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल व न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने की है. सबौर थाना कांड संख्या […]
भागलपुर: कोर्ट से हत्या के मामले में सजा सुनाये अपराधी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सके हैं. इस तरह की लापरवाही कतई बरदाश्त के लायक नहीं है. यह गंभीर टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यीय पीठ न्यायमूर्ति टीएस ठाकुर, न्यायमूर्ति आरके अग्रवाल व न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने की है.
सबौर थाना कांड संख्या 179/85 में रामदास मंडल की हत्या मामले में कोर्ट ने सात आरोपियों के खिलाफ उम्रकैद की सजा सुनायी थी. इनमें से अभी भी कोर्ट के सामने पांच अपराधी फरार बताये गये हैं. इस मामले को सुप्रीम कोर्ट ने गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने भागलपुर एसएसपी को सभी फरार को 16 मार्च से पहले पकड़ने का आदेश दिया है. इसके साथ ही उन्होंने मामले से जुड़े थाना प्रभारी के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
29 जनवरी 1988 को सुनायी थी सजा
29 जनवरी 1988 को चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश मदन मोहन वर्मा ने थाना सबौर कांड संख्या 179/85 में रामदास मंडल की हत्या मामले में सजा सुनायी थी. इस मामले में सात को अपराधी घोषित करते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी गयी. इस फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई. जहां सजा को बरकरार रखा गया. मामले में पांच अपराधी फरार हैं. इसे लेकर अभी तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े थाना प्रभारी के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. क्यों कि कोर्ट द्वारा अपराधी घोषित होने के बाद पुलिस को तत्काल अपराधी को गिरफ्तार करना चाहिए था. जो नहीं हो सका है.
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