मेले के सफल संचालन हेतु कई बिंदुओं पर विचार विमर्श के उपरांत निर्णय लिया गया कि मेला के प्रवेश द्वार पर मजिस्ट्रेट व पुलिस बलों की मौजूदगी में एक ड्रॉप गेट लगाया जायेगा. इससे छोटे से लेकर बड़े वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा. इसके लिए आधा किमी की दूरी पर पूरब-पश्चिम की तरफ पार्किग स्थल बनाया जायेगा.
साइकिल के लिए पांच, दो पहिया वाहनों के लिए दस तथा चार पहिया वाहनों के लिए बीस रुपये का रेट निर्धारित किया गया है. एसडीओ ने बताया कि मंदिर के तीनों प्रवेश द्वार पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी है. विधि व्यवस्था को लेकर पुलिस बलों तथा सरोवर में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं के हित को देखते हुये वोलेंटियर, गोताखोर व लाइफ जैकेट भी मुहैया कराया गया है.
सरोवर में खतरे का जोन भी प्रदर्शित किया गया है. वहीं मेला में आगजनी की घटना से सबक लेते हुये इस बार अधिकारियों द्वारा विशेष दिशा निर्देश जारी किये गये है. इसके तहत मेला में घरेलू सिलिंडर के उपयोग पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गयी है. कोयला व लकड़ी के चुल्हे के प्रयोग से पहले विशेष सावधानी बरतने की भी अपील दुकानदारों से की गयी है. चित्रहार, झुला व अन्य खेल तमाशे बिना परमिशन के नहीं चल पायेंगे. फायर ब्रिगेड, चापानल व पानी के टेंकर की भी व्यवस्था मेले में की गयी है. एसडीओ ने बताया कि मुख्य मार्ग पर वाहनों के परिचालन को देखते हुये दुर्घटना की आशंका के मद्देनजर अस्थायी मिट्टी का ब्रेकर बनाने का निर्देश स्थानीय प्रशासन को दिया गया है. मेला के सफल संचालन हेतु स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी अपने स्तर से निगरानी रखने की अपील की गयी है. मौके पर बैठक में बीडीओ सोनिया ढ़नढ़नियां, धनकुंड ओपीध्यक्ष शोएब आलम, पंसस उमाशंकर ठाकुर सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे.