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आज निकलेगी शिव की बरात, सजाये गये शिवालय

हाजीपुर/महुआ : भारतीय सनातन धर्म में महा शिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का प्रमुख पर्व है. प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि शिवरात्रि होती है लेकिन फाल्गुन कृष्ण चतरुदशी का दिन वेद और पुराणों में परम पुण्यदायक माना गया जिसे महाशिवरात्रि कहा गया है. इस दिन उपवास और जागरण का विशेष महत्व है भगवान […]

हाजीपुर/महुआ : भारतीय सनातन धर्म में महा शिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का प्रमुख पर्व है. प्रत्येक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि शिवरात्रि होती है लेकिन फाल्गुन कृष्ण चतरुदशी का दिन वेद और पुराणों में परम पुण्यदायक माना गया जिसे महाशिवरात्रि कहा गया है.
इस दिन उपवास और जागरण का विशेष महत्व है भगवान शिव की पूजन के लिए शिवरात्रि के अलावा सोमवार तथा प्रत्येक माह का प्रदोष काल विशेष लाभप्रद माना गया है.
नगर महादेव मंदिर में भव्य तैयारी
नगर में महाशिवरात्रि की तैयारी जोर-शोर से की गयी है. मठ-मंदिरों एवं शिवालयों की आकर्षक सजावट की गयी है. भगवान के अभिषेक के लिए उमड़ने वाले भीड़ को लेकर विशेष व्यवस्था की गयी जिससे श्रद्धालुओं को परेशानी न हो. आवासीय परिसरों में भी उत्साह बना हुआ और पूजा-अर्चना और व्रत की तैयारी में जुटे हुए है. मंदिरों एवं सार्वजनिक स्थलों पर संकिर्त्तन और अष्टयाम का आयोजन किया गया है. बटेश्वर नाथ पानापुर एवं भुईंया स्थान पानापुर लंगा में विशेष तैयारी की गयी है.
शिव बरात में शामिल होंगे लाखों लोग
नगर महादेव बाबा पतालेश्वर नाथ मंदिर से प्रतिवर्ष निकलने वाली शिव विवाह की भव्य तैयारी की गयी है. मंदिर न्यास मंदिर के सौजन्य से निकाली जाने वाली यह बरात उत्तर बिहार की अनोखी शिव-विवाह बरात होती है. जिसमें एक लाख से अधिक लोग शामिल होते है बरात में शामिल होने के लिए जिला एवं प्रदेश भर से बैंड बाजा ग्रुप और संगीत की ट्रॉली पहुंच चुकी है.
झांकियों के लिए वाहन सजाये जा रहे हैं.रात भर इसकी तैयारी चलेगी. बरात को देखने और इसमें शामिल होने के लिए लोगों में उत्साह है. बरात के बाद परंपरा के तहत झांकियों और बैंड बाजा ग्रुप को पुरस्कृत भी किया जायेगा बरात मंदिर से निकल कर लगभग तीन किलोमीटर की यात्रा कर अक्षय वट राय स्टेडियम पहुंचेगी जहां धर्म सभा होगा. अहले सुबह से ही अभिषेक का सिलसिला शुरू हो जायेगा.
द्रवेश्वरनाथ धाम मंदिर डभैच्छ मेला
महुआ. कई दशकों से आस्था का सैलाब बना द्रवेश्वरनाथ धाम मंदिर डभैच्छ में इस पर्व हजारों श्रद्धालु भक्त कल मंगलवार को महाशिवरात्री के अवसर पर जलाभिषेक करेंगे. अनुमंडल मुख्यालय बाजार से 13 किलोमीटर की दूरी पर महुआ-ताजपुर मार्ग के डभैच में स्थित उक्त मंदिर में भगवान शिव और पार्वती की मूर्ति स्थापित है. कहां जाता है कि कोई भी श्रद्धालु भक्त अगर जो कुछ भी सच्चे दिल से शिव के दरबार में आज तक मांगे है.
उनकी मुरादे घर जाने के पूर्व ही पूरी हुई है. तकरीबन 50-60 वर्षो से इस मंदिर में सावन महीने में हजारों कांवरिया हाजीपुर नारायणी नदी एवं पहलेजा घाट से उतर वाहिनी गंगा का पवित्र जल लाकर जलाभिषेक करते है. स्थानीय रवींद्र राय, महेश राय, रंजीत सिंह, विमल कुमार के साथ अन्य ने बताया कि शिवरात्री के अवसर पर तीन दिवसीय मेले का भी आयोजन किया जाता है. वर्षो पुरानी मंदिर का सही ढ़ंग से रख-रखाव एवं निर्माण नहीं किये जाने से धीरे-धीरे स्थिति जजर्र होती जा रही है.
फिर भी आस्था के आगे लोगों की उमड़ती भीड़ से मंदिर परिसर छोटा पड़ा है. वहीं प्रखंड के परमानंदपुर में स्थित शिव मंदिर की कहानी आजादी के पूर्व से चरितार्थ है. शेरपुर माणिकपुर पंचायत के उक्त चौक पर स्थित मंदिर का निर्माण आजादी के पूर्व कराया गया था. यहां का भी कहानी डभैच्छ की तरह कायम है. इसके साथ ही जंदाहा क्षेत्र के धंधुआ जो बटेश्वरनाथ धाम की भी अलग पहचान है. यहां शिवरात्री के दिन से एक माह तक मेले का आयोजन किया जाता है.
हाजीपुर शिव बरात में मुख्य आकर्षण
शोभा यात्रा में की लंबाई -तीन किलोमीटर
बैंड बाजा एवं ट्रॉली की संख्या- लगभग 100
पारंपरिक स्वरूप में देवी-देवता
भूत-वैताल सहित एक सौ से अधिक देवी देवताओं की झांकी
बैल गाड़ी पर भगवान शिव-पार्वती सवार होंगे
बच्चे से बुढ़े तक होंगे श्रद्धालु शामिल
विहंगम बरात में शामिल होंगे दस लाख श्रद्धालु
झांकी में लगभग पांच सौ से अधिक कलाकार शामिल.

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