हालांकि, मुख्यमंत्री मांझी को समर्थन देने या न देने के मुद्दे पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार करते हुए कहा कि यह फैसला 18 फरवरी को विधायक दल के बैठक के बाद लिया जायेगा. मोदी ने कहा कि पिछले 20 महीनों से बिहार में जो हो रहा है, इससे बिहार 10 साल पीछे चला गया है.
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छह महीने विपक्ष में बैठने को हम हैं तैयार : मोदी
पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उनके विधायक छह महीने विपक्ष में बैठने को तैयार हैं. वह न ही सरकार बनाने जा रहे हैं और न ही किसी की सरकार बनवा रहे हैं. जदयू में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. एक गुट मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ है, तो दूसरा […]
पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उनके विधायक छह महीने विपक्ष में बैठने को तैयार हैं. वह न ही सरकार बनाने जा रहे हैं और न ही किसी की सरकार बनवा रहे हैं. जदयू में वर्चस्व की लड़ाई चल रही है. एक गुट मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के साथ है, तो दूसरा गुट नीतीश कुमार के साथ.
मांझी को हटाने से संबंधित एक सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि मांझी को किसने बनाया था और किसने हटाने के लिए कहा था. मांझी जब नीतीश कुूमार से अच्छा काम करने लगे, तो नीतीश कुमार को यह लगने लगा कि उनसे ज्यादा मांझी लोकप्रिय हो रहे हैं. इसी के बाद मांझी को हटाने की पटकथा लिखी जाने लगी. मोदी ने यह भी कहा कि जबतक मांझी नीतीश कुमार के अनुसार काम करते रहें, तबतक सब ठीक रहा, लेकिन जैसे ही उनके कुछ पसंदीदा अफसरों को हटाया गया, नीतीश कुमार ने मांझी को हटाने का फैसला कर लिया.
स्पीकर कर रहे असंवैधानिक काम : बिहार के राज्यपाल का बचाव करते हुए मोदी ने कहा कि जब नीतीश कुमार पहली बार सीएम बने थे, तब उनके पास भी बहुमत नहीं था, लेकिन राज्यपाल की ओर से सात दिन का समय दिया गया था. इसलिए राज्यपाल पर आरोप लगाना संविधान की मर्यादा का उल्लंघन है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि स्पीकर द्वारा असंवैधानिक काम कराया जा रहा है. राज्य में जदयू की ही सरकार है. असंबद्ध सदस्य का प्रावधान नहीं है. जदयू के बांकी सदस्य मंत्री बने ही हैं. पार्टी की ओर से न ही उन्हें निलंबित या बरखास्त किया गया है. फिर जदयू किस आधार पर विपक्ष में बैठने की मांग कर रही है. नीतीश कुमार सत्ता और विपक्ष दोनों में रहना चाह रहे हैं. यह कैसे संभव है.
विपक्ष का दर्जा छीना गया तो जायेंगे कोर्ट : यदि भाजपा से विपक्ष का दर्जा छीना गया, तो इसके खिलाफ पार्टी कोर्ट में जायेंगे. मोदी ने कहा, नीतीश कुमार ने तीन गलतियां की हैं. पहला एनडीए से गंठबंधन तोड़ा. दूसरा लालू प्रसाद से हाथ मिलाया और तीसरा मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर. इसी का परिणाम है कि नीतीश कुमार को फिर से महादलित सीएम को हटाना पड़ रहा है. मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्यपाल के पास या राष्ट्रपति के पास परेड कराने का प्रावधान ही नहीं है फिर भी नीतीश कुमार विधायकों को लेकर दिल्ली आये. 130 विधायकों के दिल्ली आने पर मोदी ने कहा कि जो टिकट कटा था उसमें विधान परिषद के सदस्य, सांसद, और कुछ पत्रकार भी शामिल थे. इनकी गिनती कौन लोग किये. मांझी के भाजपा में आने से संबंधित सवाल के जवाब में मोदी ने कहा कि भाजपा के टोल फ्री नंबर पर कोई भी सदस्यता ले सकता है.
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