कानपुर : शहर के मुस्लिम उलेमाओं ने आज देर रात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकारिणी सदस्य से मुलाकात कर कहा कि मुसलमान भी अपने देश से उतना ही प्यार करते है जितना अन्य धर्मो के लोग. शहर काजी और मुस्लिम नेताओं ने 14 फरवरी को संघ प्रमुख के समक्ष अपनी कौम का नजरिया रखने के लिये वक्त मांगा था. लेकिन संघ प्रमुख के पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के कारण उन्हें समय नही मिल पाया.
इस पर मुस्लिम उलेमाओं ने आज निराशा व्यक्त की थी. मीडिया में यह बात आज सामने आते ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इन्द्रेश ने आज रात मुस्लिम उलेमाओं को बात करने के लिये बुलाया. सुन्नी उलेमा काउंसिल के महासचिव मौलाना सलीस अहमद के साथ मुस्लिम उलेमाओं के एक प्रतिनिधि मंडल ने उनसे मुलाकात की.
सलीस अहमद ने बताया कि मुस्लिम उलेमाओं ने आरएसएस प्रतिनिधि के सामने अपनी बातें रखी कि आप हिन्दू राष्ट्र चाहते है या एक ऐसा राष्ट्र चाहते है जिसमें हिन्दू मुस्लिम सब एक साथ मिलजुल कर रहें. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश का विकास चाहते है तो यह विकास संविधान के आधार पर होगा या किसी एक धर्म को साथ लेकर चलने से होगा.
अहमद ने कहा कि हमने मुसलमानों के खिलाफ दिये जा रहे लगातार बयानों की तरफ उनका ध्यान आकर्षित करते कहा कि उनके कुछ नेता और उनसे जुडे संगठनों के लोग बार बार कहते है कि भारत एक हिन्दू राष्ट्र है, मुसलमान देश छोड कर चले जायें.
उन्होंने कहा कि इस तरह की बातों से हमारा मुल्क हिन्दुस्तान एक नहीं रह पायेगा और इसमें विभाजन की खाई बढती जायेगी. सलीस ने बताया कि इन्द्रेश ने कहा कि वह उनकी बात संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों तक पहुंचायेंगे.