नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शपथ लेने के बाद उन्होंने आम जनता को संबोधित किया. उसके बाद वे सीधे सचिवालय पहुंचे. प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री ने 4.30 बजे कैबिनेट की बैठक बुलायी थी, लेकिन यह टल गयी. अब कैबिनेट की पहली बैठक सोमवार को होगी. ‘आप’ नेता अरविंद केजरीवाल ने ठीक एक साल पहले लोकपाल के मुद्दे पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद आज ऐतिहासिक रामलीला मैदान में दिल्ली के आठवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली.उपराज्यपाल नजीब जंग ने केजरीवाल तथा छह अन्य मंत्रियों को भारी भीड़ की मौजूदगी में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी. छह मंत्रियों मनीष सिसौदिया, आसिम अहमद खान, संदीप कुमार, सत्येन्द्र जैन, गोपाल राय और जितेन्द्र सिंह तोमर को भी समारोह में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलायी गयी.
शपथ लेने के बाद केजरीवाल ने भारी भीड़को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की प्राथमिकताएं गिनायीं. उन्होंने कहा, ‘‘हम जितना जल्द संभव होगा, जनलोकपाल विधेयक लाएंगे. हम पांच साल के अंदर दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनायेंगे.’’ उन्होंने कहा कि हम दिल्ली के विकास के लिए भाजपा कांग्रेस के अच्छे लोगों का सहयोग लेंगे. 46 वर्षीय केजरीवाल ने अपने एक रेडियो संदेश में दिल्ली की जनता को रामलीला मैदान में अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था. यही मैदान तीन साल पहले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन का केंद्र रहा था.
केजरीवाल ने शपथ ग्रहण समारोह के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी आमंत्रित किया था, लेकिन वह महाराष्ट्र में आज अपनी कुछ व्यस्तताओं के चलते समारोह में शामिल नहीं हो सके. केजरीवाल पहले ही मुख्य सचिव डीएम सपोलिया को आप के चुनाव घोषणापत्र के 70 मुख्य बिंदुओं के क्रियान्वयन के लिए रोडमैप पर काम करने के लिए कह चुके हैं.
आप के घोषणापत्र में बिजली की दरों में 50 फीसदी की कटौती, पूरे शहर में मुफ्त वाईफाई, 10 से 15 लाख सीसीटीवी कैमरे लगाना, दिल्लीभर में दो लाख सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण, 20 नए कालेजों की स्थापना और निजी स्कूलों में फीस का नियमन करना शामिल है.
आप ने दिल्ली के अस्पतालों में 30 हजार अधिक बिस्तरों और अगले पांच सालों में आठ लाख नए रोजगार के सृजन का भी वादा किया है.पिछले महीने घोषणापत्र जारी करते हुए केजरीवाल ने ऐलान किया था कि आप सरकार बिजली की दरों में 50 फीसदी की कटौती करेगी और निजी बिजली वितरण कंपनियों का गहन आडिट कराएगी जिसके आधार पर दरों को संशोधित किया जाएगा.