मुंबई : अगर आपके पास किसी भी बैंक का क्रेडिट कार्ड हे तो रिजर्व बैंक आपकी मुश्किलें कम करने की कवायद में है. रिजर्व बैंक ने सभी राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों को चेतावनी देते हुए कहा कि वे अपने ग्राहकों से क्रेडिट कार्ड के बकाये पर लिये जाने वाले ब्याज में कटौति करें.
रिजर्व बैंक की ओर जारी ताजा बयानों में गौर करें तो उसमें कहा गया है कि क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि पर विभिन्न बैंक काफी ज्यादा ब्याज लगाते हैं. यह ब्याज दर अन्य रिस्क प्रोफाइल वाले उत्पादों की तुलना में काफी ज्यादा है. ग्राहकों को मजबूर कर उनसे इस प्रकार की राशि पर कई गुणा बढ़ा-चढ़ा कर ब्याज वसूले जाते हैं.
रिजर्व बैंक ने कहा कि ‘क्रेडिट कार्ड बकाया पर वाजिब ब्याज वसूलना चाहिए. इंडियन बैंक्स असोसिएशन इस बारे में बैंकों को डिटेल गाइडलाइंस इश्यू करेगी.’ यह बात रिजर्व बैंक की बैंकिंग ओम्बड्समैन पर 2013-14 की एनुअल रिपोर्ट में लिखी गई है. बैंक अब तक क्रेडिट कार्ड बकाया पर भारी-भरकम ब्याज को सही ठहराते आए हैं.
उनका कहना है कि यह अनसिक्योर्ड लोन होता है. इसमें डिफॉल्ट का रिस्क अधिक है. क्रेडिट कार्ड बकाया पर बैंक 36 प्रतिशत तक ब्याज वसूल रहे हैं. जबकि बेस रेट 10-10.5 फीसद है. वित्तीय वष्र 2014 में क्रेडिट कार्ड पर औसतन मासिक खर्च 12,035 करोड़ रुपये था, जो इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर के बीच 15,470 करोड़ रुपये हो गया है.
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