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मात्र छह प्रतिशत ही हुई धान की खरीदारी
विभाग को मिला 68.8 हजार एमटी का लक्ष्य, कछुए की गति से चल रहा धान क्रय का कार्य जिले में अब तक लक्ष्य के विरुद्ध मात्र छह फीसदी ही धान की खरीदारी हो सकी है. सहकारिता विभाग को 68.8 हजार एमटी धान खरीद का लक्ष्य दिया गया है. उसके विरुद्ध मात्र चार हजार एमटी ही […]
विभाग को मिला 68.8 हजार एमटी का लक्ष्य, कछुए की गति से चल रहा धान क्रय का कार्य
जिले में अब तक लक्ष्य के विरुद्ध मात्र छह फीसदी ही धान की खरीदारी हो सकी है. सहकारिता विभाग को 68.8 हजार एमटी धान खरीद का लक्ष्य दिया गया है. उसके विरुद्ध मात्र चार हजार एमटी ही धान क्रय होने से सहकारिता विभाग के कार्यकलाप पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. वहीं सरकार द्वारा अब धान क्रय की अंतिम तिथि 28 फरवरी निर्धारित की गयी है. जो पहले 15 अप्रैल निर्धारित थी. ऐसे में प्रश्न उठता है कि कैसे पूरा होगा धान खरीद का लक्ष्य.
सीवान : जिले में 28 फरवरी तक धान खरीद का लक्ष्य पूरा करना वर्तमान स्थिति में संभव नहीं प्रतीत होता है. सरकार द्वारा 14 नवंबर से धान क्रय का कार्य शुरू करने का निर्देश दिया गया था. परंतु विभाग समय से शुरू नहीं कर सका और शुरू का महीना तैयारी और किसानों का डाटा बेस तैयार करने में ही गुजर गया.
उसके बाद खरीदारी में विलंब में नमी बाधक सिद्ध हुआ ऐसे में विलंब से धान क्रय का कार्य शुरू हो सका . जो विभागीय लापरवाही को दरसाता है. इसके कारण किसान अपना धान बेचने के लिए चक्कर लगाने को विवश हैं. मजबूरी में उन्हें बाजार में औने – पौने दाम पर धान बेचना पड़ा और बिचौलियों की चांदी रही.
जिले में धान क्रय के लिए चालू हैं 253 केंद्र : पैक्स केंद्रों पर धान क्रय का कार्य किया जाना है. इसके लिए पंचायत स्तर पर पैक्स केंद्र और प्रखंड मुख्यालय पर व्यापार मंडल केंद्र कार्यरत है. इनमें 342 केंद्रों के विरुद्ध 253 केंद्रों पर ही धान क्रय का कार्य हो रहा है. डीसीओ के अनुसार 36 पैक्सों में चुनाव नहीं होने के कारण इसका गठन नहीं हो सका और डिफॉल्टर होने के कारण अन्य केंद्रों पर धान क्रय का कार्य नहीं हो पा रहा है.
पैक्सों की लापरवाही भी है जिम्मेवार : विभाग द्वारा धान का समर्थन मूल्य किसानों को बैंक खाते के माध्यम से ही करने का आदेश दिया गया था. इसके लिए सभी पैक्सों से किसानों का डाटा बेस मांगा गया था.
जिसमें किसान का नाम खाता संख्या व बैंक का आरटीजीएस कोड उपलब्ध कराना था परंतु पैक्सों द्वारा इसमें काफी विलंब किया गया. बार- बार दबाव के बाद काफी विलंब से किसानों की सूची उपलब्ध करायी गयी, तब तक नमी की मात्र काफी बढ़ गयी थी और विभागीय नियमानुसार 17 प्रतिशत से अधिक नमी की स्थिति में धान की खरीदारी नहीं करनी है. इससे धान क्रय पर काफी विपरीत असर पड़ा.
नियमों से भी हकलान हैं किसान : पैक्स केंद्रों पर धान की खरीदारी के नियम एवं किसानों में उचित जानकारी का अभाव भी धान क्रय में बड़ी बाधा है. कई केंद्रों पर जान – बूझ कर पैक्सों द्वारा धान लेने से इनकार के मामले भी सामने आ रहे हैं. वहीं उत्तम क्वालिटी के धान के बावजूद पैक्स मनमानी कर रहे है और धान खरीदारी से इनकार कर रहे हैं. वहीं किसानों के लिए जमीन का अद्यतन रसीद या एलपीसी धान बिक्री के लिए अनिवार्य है.
परंतु कई जगह इन दोनों कागजात की मांग की जा रही है. साथ ही कई जगह वजन आदि में भी मन मानी की शिकायतें मिल रही हैं. नियमानुसार धान के वजन में अधिकतम चार प्रतिशत की कटौती की जा सकती है. धान का समर्थन मूल्य 1360 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित है. प्रति क्विंटल 300 रुपये अतिरिक्त बोनस दिया जा रहा है. किसान को 1660 रुपये प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाना है. यह दर साधारण किस्म के धान का है.
क्या कहते हैं अधिकारी
पैक्स केंद्रों पर धान क्रय का कार्य तीव्र गति से जारी है. किसानों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका ध्यान रखा जा रहा है. मौसम की बेरूखी से धान खरीदारी का कार्य प्रभावित हुआ फिर भी विभाग अपने तरफ से पुरजोर प्रयास कर रहा है. धान क्रय की तिथि घटने से इस पर असर पड़ सकता है.
शशि भूषण कुमार, जिला सहकारिता पदाधिकारी सीवान
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