नयी दिल्ली : आगामी 23 फरवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र से पहले जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाने का प्रयास तेज करते हुए भाजपा और पीडीपी में न्यूनतम साझा कार्यक्रम (सीएमपी) को अंतिम रूप देने में गति आयी है. पीडीपी संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर समझौते को अंतिम रूप देने के कयासों के बीच अनौपचारिक वार्ता में तेजी आयी है.
राज्य में खंडित जनादेश के 50 दिनों बाद दोनों दल अनुच्छेद 370 को समाप्त करने, विवादास्पद सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम और राज्य को विशेष राज्य का दर्जा देने सहित विभिन्न मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने के लिए विचार-विमर्श कर रहे हैं. 87 सदस्यीय विधानसभा में 28 विधायकों वाली पीडीपी ने छह लोगों की टीम बनायी है, जो भाजपा से वार्ता करेगी. इसमें सांसद मुजफ्फर हुसैन बेग और तारीक हामिद कारा, मुख्य प्रवक्ता नईम अख्तर, विधायक हासेब द्राबू और अलताफ बुखारी तथा विक्रमादित्य सिंह शामिल हैं.
ये सभी शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंच रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि उम्मीद है कि यह दल शुक्रवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात करेगा, जिन्हें भाजपा ने राज्य में सरकार बनाने के लिए दलों के साथ समझौता करने की खातिर नामित किया है. राज्य विधानसभा में भाजपा के 25 विधायक हैं. सूत्रों ने कहा कि इसके बाद सईद और मोदी के बीच वार्ता होगी, ताकि समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके. नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला द्वारा राज्यपाल एनएन वोहरा से कार्यवाहक मुख्यमंत्री के कार्यभार से मुक्त किये जाने का आग्रह करने के बाद नौ जनवरी से राज्य में राज्यपाल शासन लागू है.