कैनबरा : ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री ने आज इंडोनेशियाई सरकार से अपील की है कि जिस तरह से इंडोनेशिया दूसरे देशों में कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे इंडोनेशियाई नागरिकों पर दया की उम्मीद करता है, उसी तरह वह नशीले पदार्थों के दो ऑस्ट्रेलियाई तस्करों पर भी दया दिखाए.
विदेश मंत्री जूली बिशप ने आज संसद में एक प्रस्ताव पारित करते हुए ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों मयूरन सुकुमारन (33) और एंड्रयू चान (31) को क्षमा देने की अपील की. विपक्षी दल ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया, जिससे हेरोइन के तस्करों को बचाने में द्विपक्षीय सहयोग की एक झलक मिली.
इंडोनेशिया ने कहा कि पिछले सप्ताह वह नशीले पदार्थों के आठ तस्करों को गोली मारकर मौत की सजा देने की तैयारी कर रहा था. इन तस्करों में दो ऑस्ट्रेलियाई नागरिक भी शामिल थे. बिशप ने कहा कि इंडोनेशियाई सरकार विदेशों में कानूनी कार्रवाई का सामना कर रहे 200 से ज्यादा इंडोनेशियाई लोगों की रिहाई की मांग के लिए प्रतिबद्ध है.
इंडोनेशियाई गैर-सरकारी संगठन माइग्रेंट केयर के अनुसार, लगभग 360 इंडोनेशियाई नागरिक को विदेशों में मौत की सजा सुनायी गयी है और उनमें से 230 लोगों पर नशीले पदार्थों से जुडे आरोप हैं. बिशप ने संसद को बताया, ‘हम इंडोनेशिया सरकार से अपील करते हैं कि वह एंड्रयू और म्यूरन के मामले में भी वही दया दिखाए, जिसकी मांग वह विदेशों में अपने नागरिकों के साथ ऐसी ही स्थिति पैदा हो जाने पर करती है.’
ऑस्ट्रेलिया ने मौत की सजा खत्म कर दी है और वह किसी भी ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति को विदेश में मौत की सजा दिए जाने का विरोध करता है. दोनों ऑस्ट्रेलियाई नागरिक उन नौ ऑस्ट्रेलियाई लोगों के समूह का हिस्सा हैं, जिन्हें वर्ष 2005 में गिरफ्तार किया गया था. ये लोग इंडोनेशिया के प्रमुख पर्यटक द्वीप बाली से 8.3 किलोग्राम हेरोइन ऑस्ट्रेलिया ले जाने का प्रयास कर रहे थे.ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने इस समूह को ‘बाली नाइन’ का नाम दिया.
सभी को नशीले पदार्थ की तस्करी का दोषी ठहराया गया लेकिन मौत की सजा सिर्फ दो ही लोगों को सुनायी गयी. इंडोनेशिया में नशीले पदार्थों से जुडे कानून बहुत सख्त हैं. 18 जनवरी को इसने नशीले पदार्थ से जुडे मामलों के छह दोषियों को मौत की सजा दी थी. उनमें ब्राजील, मालावी, नाइजीरिया, नीदरलैंड और वियतनाम के नागरिक शामिल थे. इन सजाओं के लिए इंडोनेशिया ने विदेशी नेताओं की ओर से अंतिम समय पर की जाने वाली अपीलों पर भी ध्यान नहीं दिया था.