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मांझी को मिला मौका, मुख्यमंत्री समर्थकों को मिली बड़ी कामयाबी

लॉबी डिवीजन या गुप्त मतदान से होगा फैसला पटना : राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को 20 फरवरी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है. बुधवार की देर रात राजभवन ने इसकी अधिसूचना जारी की. राज्यपाल ने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री सचिवालय और विधानसभा अध्यक्ष को भी उपलब्ध […]

लॉबी डिवीजन या गुप्त मतदान से होगा फैसला
पटना : राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को 20 फरवरी को विधानसभा में अपना बहुमत साबित करने का निर्देश दिया है. बुधवार की देर रात राजभवन ने इसकी अधिसूचना जारी की. राज्यपाल ने इसकी जानकारी मुख्यमंत्री सचिवालय और विधानसभा अध्यक्ष को भी उपलब्ध करा दी है. राजभवन ने कानूनी पहलुओं पर विचार के बाद पहले मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को सदन में विश्वास मत हासिल करने को कहा है. 20 फरवरी को विधानमंडल का बजट सत्र आहूत है.
राज्यपाल के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र ने बताया कि संवैधानिक परंपरा के अनुसार सत्र के आरंभ में दोनों सदनों के संयुक्त बैठक में राज्यपाल का अभिभाषण होगा. राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी मांझी सरकार द्वारा तैयार अभिभाषण को सदन में पढ़ेंगे. इसके बाद मुख्यमंत्री विश्वास मत हासिल करने का एक लाइन का प्रस्ताव रखेंगे. राज्यपाल ने बहुमत साबित करने के दिन गुप्त मतदान कराने का मांझी का अनुरोध भी मान लिया है. उन्होंने विधानसभाध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को कहा है कि वह सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद लॉबी मतदान या गुप्त मतदान का इंतजाम करें.
दोनों ही प्रक्रिया के लिए विधानसभा अध्यक्ष को अधिकृत किया गया है. वह जिस प्रकार चाहे मतदान करा सकेंगे. लॉबी डिवीजन के तहत सदन के भीतर हां और ना पक्ष में सदस्यों को हाथ खड़े कर अपना समर्थन बताना पड़ता है. राज्यपाल ने अपने फैसले में बोम्मई केस और यूपी के जगदंबिका पाल मामलों का हवाला देते हुए पहले मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को सदन का विश्वास हासिल करने का मौका दिया है.
राज्यपाल के अभिभाषण के बाद मतदान की प्रक्रिया होगी. मतदान का परिणाम आने के बाद राजभवन आगे का निर्णय लेगा. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री मांझी ने राज्यपाल के सामने सदन में बहुमत सिद्ध करने का दावा था. वहीं, जदयू विधायक दल के नये नेता चुने गये नीतीश कुमार ने भी सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
क्या है लॉबी डिवीजन
संसदीय प्रक्रिया से संबंधित कौल एंड शकधर की पुस्तक में लॉबी डिवीजन की व्याख्या की गयी है. इसके तहत विश्वास मत का समर्थन करनेवाले विधायकों को लॉबी में ले जाया जाता है और सभी दरवाजे बंद कर उनकी गिनती की जाती है. इसके बाद विधानसभा सचिवालय के पदाधिकारी गिनती कर संख्या को सदन में आकर बताते हैं. इसी आधार पर विश्वास मत हासिल करने या विफल रहने का एलान किया जाता है. हालांकि, इस पुस्तक में लेखकों ने यह भी जिक्र किया है कि मतदान की यह प्रक्रिया अब प्रचलन में नहीं है.
क्या है जीतन का गणित
मांझी खेमे के 14 विधायक, भाजपा के 87 विधायक, तीन निर्दलीय . कुल मिलाकर विधायकों की संख्या होती है 104. अब मांझी को अपनी सरकार बचाने के लिए मात्र 13 विधायकों की जरूरत होगी.
जदयू के विधायकों की संख्या है 111
जदयू में टूट के लिए चाहिए विधायक : 74
मांझी खेमें में जदयू के आधिकारिक तौर पर आने वाले व निर्दलीय विधायक
जीतन राम मांझी, नीतीश मिश्र, सुमित कुमार सिंह, अजय प्रताप, वृशिण पटेल, राजीव रंजन, अनिल कुमार, ज्योति मांझी, शाहिद अली खान, रामेश्वर पासवान, दिनेश कुशवाहा राजेश्वर राज व निर्दलीय विनय बिहारी, पवन जायसवाल.
मौजूदा सदस्यों की संख्या : 233
जदयू 111
भाजपा 87
भाकपा 01
कांग्रेस 05
राजद 24
निर्दलीय 05
जदयू विधायकों में से 12 मांझी खेमे में जा चुके हैं
पटना : राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी बुधवार को दिल्ली में उस समय गुस्सा गये, जब संवाददाताओं ने उनसे पूछ लिया कि आप बिहार के मामले में कब निर्णय लेंगे. उन्होंने कहा, यह तो गजब है भाई. अभी दो ही दिन तो हुए. कानूनी मसला है. कानूनी पेचीदगियां भी हैं. ऐसे में कानूनी पहलुओं का अध्ययन करना होगा. पटना हाइकोर्ट ने भी इस संबंध में किसी याचिका पर निर्णय दिया है, जिसे मैंने देखा नहीं है. अध्ययन कर रहा हूं, इसके बाद ही निर्णय लूंगा. इसके कुछ घंटे बाद ही उन्होंने फैसला भी सुना दिया.
भाजपा अध्यक्ष ने दिये समर्थन के संकेत
पटना : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने बुधवार को दोपहर कहा कि भाजपा के कुछ विधायक मांझी सरकार को समर्थन देने के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि भाजपा हर वर्ग की चिंता करती है और महादलित का अपमान बरदाश्त नहीं करेगी. वर्तमान संकट पर हम बारीकी से नजर रखे हुए हैं और वक्त आने पर उचित फैसला लेंगे. इसके बाद दिन भर यह कयास चलता रहा कि भाजपा मांझी को विधानसभा में समर्थन कर सकती है.

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