प्रतिनिधि, जामताड़ामदरसा गरीब नवाज पाकडीह की हालत देखने वाला कोई नहीं है. 1995 से इस मदरसा का संचालन किया जा रहा है. लेकिन आज भी उसे जिला प्रशासन से किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा है. यदि कुछ मिला है तो महज एक भवन जो अब खंडहर बनता जा रहा है. भवन में दरार आ गया है. ऊपर के छत का पलास्टर टूट-टूट कर गिर रहा है. कभी यहां कोई घटना हो सकती है. शिक्षक और बच्चे अपनी जान जोखिम में डाल का यहां पढ़ाई करने को बेवस है. लेकिन इनकी फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है. जबकि जिला प्रशासन से कई बार यहां के लोगों ने मदरसा को सरकारीकरण एवं मदरसा की चहारदीवारी की मांग की है. लेकिन सुनने वाला ही कोई नहीं है. हाल ऐसा है कि बच्चे खाना खा कर दूसरे जगह अपनी प्यास बुझाते हैं. ना शौचालय है और ना ही कोई व्यवस्था है. जमीन में बैठ कर पढ़ाई करना पड़ता है, यहां के बच्चों को. यहां के बच्चे और शिक्षक इसी आस में हैं कि कोई तो इस मदरसा के लिये आगे बढ़ कर आयेगा. जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस मामले में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं. सांसद निधि इस मदरसा का निर्माण करवाया गया था. यहां के शिक्षक चंदा जुटा कर यहां के बच्चों को खाना खिलाते हैं और खुद भी खाते हैं. मदरसा में कुल तीन शिक्षक हैं और करीब 30 बच्चे हैं. मदरसा सचिव मुरताज अंसारी ने बताया कि हम अपनी समस्या से जिला प्रशासन को कई बार अवगत करा चुके हें. लेकिन अब तक किसी ने पहल नहीं की.—————————-फोटो : 10 जाम 15
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मदरसा को नहीं मिला जिला प्रशासन से कोई सहयोग
प्रतिनिधि, जामताड़ामदरसा गरीब नवाज पाकडीह की हालत देखने वाला कोई नहीं है. 1995 से इस मदरसा का संचालन किया जा रहा है. लेकिन आज भी उसे जिला प्रशासन से किसी प्रकार का लाभ नहीं मिल रहा है. यदि कुछ मिला है तो महज एक भवन जो अब खंडहर बनता जा रहा है. भवन में दरार […]
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