21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

गांधी, धर्म और राजनीति

जब हम महात्मा गांधी की अहिंसा की बात करते हैं, तो इसके प्रभाव के बारे में बहुत कुछ सोचते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि गांधी जी ने लोगों को राजनीति से अलग रहने का पाठ पढ़ाया. तो क्या अहिंसा के नाम पर गांधी जी ने लोगों को रोने-गिड़गिड़ाने का रास्ता दिखाया? ऐसा बिल्कुल […]

जब हम महात्मा गांधी की अहिंसा की बात करते हैं, तो इसके प्रभाव के बारे में बहुत कुछ सोचते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि गांधी जी ने लोगों को राजनीति से अलग रहने का पाठ पढ़ाया. तो क्या अहिंसा के नाम पर गांधी जी ने लोगों को रोने-गिड़गिड़ाने का रास्ता दिखाया? ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. उन्होंने कांग्रेस की उस पुरानी नीति को बदला, जो अंगरेजों के साथ सिर्फ रोना और गिड़गिड़ाना जानती थी.
कुछ लोग कांग्रेस छोड़ कर अलग गुटबंद हुए. गांधी जी का यह युगांतरकारी महत्व था कि रूस से लगभग दोगुनी आबादी के विशाल देश भारत की करोड़ों जनता को उन्होंने राजनीतिक जीवन की दीक्षा दी. क्रांतिकारी और भी थे, और आज भी हैं, लेकिन गांधी जी से अधिक जनता को राजनीतिक जीवन में खींच कर कोई नहीं लाया. गांधी जी भारत की जनता के शोषण का कारण खूब अच्छी तरह से समझते थे. वे ब्रिटिश साम्राज्यवाद के शोषणतंत्र का भीतरी हाल अच्छी तरह जानते थे. उनके स्वदेशी आंदोलन से उस शोषणतंत्र को भारी धक्का लगा था.
वे अंगरेजी राज की छत्रछाया में पलनेवाले राजा-रईसों को अच्छी तरह पहचानते थे. उनका प्रयत्न यह था कि राजाओं, ताल्लुकेदारों, सांप्रदायिक नेताओं को धकियाते हुए कांग्रेस को आम जनता का प्रतिनिधि बनायें. धर्म उनके साथ था ही. वे राजनीति और धर्म में अंतर्विरोध नहीं मानते थे, इसलिए उन्होंने धर्म को व्यापक अर्थ में ग्रहण करके उसके सहारे करोड़ों लोगों को सक्रीय राजनीति में खींचा.
डॉ रामविलास शर्मा

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें