त्र प्राचार्य विहीन संस्थानों में बोकारो, ललमटिया व साहेबगंज की सरकारी आइटीआइ भी वरीय संवाददाता धनबाद. केंद्र की मोदी सरकार एक तरफ हर हाथ को स्किल्ड बनाने का सपना देख रही है, वहीं दूसरी तरफ झारखंड में सरकारी आइटीआइ का हाल भगवान भरोसे है. 31 जनवरी को धनबाद सहित तीन अन्य सरकारी आइटीआइ का प्राचार्य का प्रभार संभाल रहे रघुनाथ प्रसाद सिंह की सेवानिवृत्ति के बाद उक्त संस्थान बिना प्राचार्य के हो गये हैं. अन्य प्राचार्य विहीन हुए संस्थानों में साहेबगंज, ललमटिया तथा बोकारो शामिल हैं. प्रभार संभाल रहे फैकल्टी का भी हो चुका है स्थानांतरण विभाग से कोई व्यवस्था न किये जाने की स्थिति में रघुनाथ प्रसाद सिंह ने जेबी सिंह को प्राचार्य का प्रभार सौंपा है, उनका भी स्थानांतरण पिछले दिनों रांची कर दिया गया है. ऐसे में वह इसलिए संस्थान में टिके हुए हैं कि विभाग किसी को भेज दे, जिसे चार्ज देकर वह अपने स्थानांतरित संस्थान में योगदान दे सके. क्या है राज्य की स्थिति पूरे राज्य में कुल 22 सरकारी आइटीआइ संचालित हैं. इसके अतिरिक्त आठ नये भी जुड़ गये हैं. इन संस्थानों के संचालन के लिए केवल नौ प्राचार्य हैं. जानकार सूत्रों का मानना है कि फैकल्टी के रूप में अस्थायी नियुक्ति हो सकती है, लेकिन अस्थायी कर्मी पर प्राचार्य का भार नहीं सौंपा जा सकता. यही वजह है कि जैसे-जैसे प्राचार्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उनके संस्थान का अतिरिक्त प्रभार योगदान देने वाले प्राचार्य को मिलता जा रहा है. राज्य में अन्य जगहों की तरह 12 फरवरी से धनबाद सहित चारों संस्थानों में भी सेमेस्टर परीक्षा शुरू होने जा रही है.
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प्राचार्य विहीन हुए धनबाद सहित राज्य के चार आइटीआइ
त्र प्राचार्य विहीन संस्थानों में बोकारो, ललमटिया व साहेबगंज की सरकारी आइटीआइ भी वरीय संवाददाता धनबाद. केंद्र की मोदी सरकार एक तरफ हर हाथ को स्किल्ड बनाने का सपना देख रही है, वहीं दूसरी तरफ झारखंड में सरकारी आइटीआइ का हाल भगवान भरोसे है. 31 जनवरी को धनबाद सहित तीन अन्य सरकारी आइटीआइ का प्राचार्य […]
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