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नीतीश का चेहरा सामने आया, मैं गरीब हूं, बेईमान नहीं: मांझी

नयी दिल्ली: मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अब तक नीतीश कुमार पर सीधा वार करने से बचते रहे थे. लेकिन, रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद उन्होंने नीतीश कुमार पर बेहद तीखे हमले करते हुए कहा कि वह मुङो रबड़ स्टांप बना कर रखना चाहते थे, लेकिन जब मेरी लोकप्रियता बढ़ने लगी, तो वह […]

नयी दिल्ली: मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी अब तक नीतीश कुमार पर सीधा वार करने से बचते रहे थे. लेकिन, रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने के बाद उन्होंने नीतीश कुमार पर बेहद तीखे हमले करते हुए कहा कि वह मुङो रबड़ स्टांप बना कर रखना चाहते थे, लेकिन जब मेरी लोकप्रियता बढ़ने लगी, तो वह घबरा गये. उनका असली चेहरा अब सामने आ गया है. उन्होंने एक महादलित को अपमानित किया है. उन्होंने कहा कि 20 फरवरी को मैं विधानसभा में विश्वासमत हासिल करूंगा और कैबिनेट का विस्तार भी करूंगा. 15-16 और कैबिनेट मंत्री हो सकते हैं और उतने ही संसदीय सचिव. दो डिप्टी सीएम भी बना सकता हूं, जिनमें एक अल्पसंख्यक होगा.
नीतीश पहले अच्छे, अब खराब
मांझी ने पीएम मोदी के मुलाकात के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ किया कि मैं पद छोड़ने नहीं जा रहा हूं. मांझी ने कहा, नीतीश कुमार अच्छे आदमी हैं, लेकिन यह भी सच है कि वह सत्ता के बिना नहीं रह सकते हैं. उनसे जब पूछा गया कि जब नीतीश को जब अच्छा आदमी बता रहे हैं, तो विरोध किस बात की है? इस पर उन्होंने कहा कि गंगा जहां से निकलती है, वह बहुत पवित्र होती है. लेकिन, बंगाल की खाड़ी तक पहुंचते-पहुंचते उसका पानी पीने लायक भी नहीं रह जाता है. उन्होंने आगे कहा कि नीतीश पहले अच्छे थे, लेकिन अब जैसे-जैसे आगे बढ़ रहे हैं, वह खराब होते जा रहे हैं. आज भी अपने कमरे में उनका फोटा रखता हूं, लेकिन अब उनका असली चेहरा सामने आ गया है.
दो महीने इशारे पर काम किया
मांझी ने कहा, दलितों की छवि सो एंड सो की रही है, इसलिए नीतीश कुमार ने सोचा कि मांझी को सीएम बना देते हैं, वह रबड़ स्टांप बन कर रहेगा. मैं सीएम बनने के बाद दो महीने तक उनके इशारे पर ही काम भी करता रहा. लेकिन, तभी मीडिया में बात आने लगी कि मांझी रिमोट कंट्रोल से चलते हैं, तो फिर मेरा भी आत्म सम्मान जाग गया और मैं गलत करने से इनकार करने लगा. मुङो लगा कि गलत करूंगा, तो आगे मुङो गाली दी जायेगी. नीतीश को यह गवारा नहीं हुआ और वह मुङो हटाने पर तुल गये.
उन्होंने कहा, जब मुङो शरद यादव ने कहा कि मुङो नीतीश के नाम का (विधायक दल के नेता के रूप में) प्रस्ताव करना है, तो मैंने उनसे साफ कहा कि मैं उनके नाम का प्रस्ताव क्यों रखूंगा? नीतीश जी मेरे सामने आएं और मुझसे कहें कि जीतन आपने अच्छा काम नहीं किया. आपके गलत कामों से पार्टी बदनाम हो रही है, तो मैं तुरंत पद से हट जाऊंगा. लेकिन, नीतीश ने मुझसे कभी बात नहीं की और अलग से विधायक दल की बैठक बुला ली. आखिर मेरी भी तो प्रतिष्ठा है.
मांझी ने नीतीश पर एक-एक कर कई तीर चलाये और उन पर धोखा देने का आरोप लगाया. कहा कि नीतीश कुमार मेरी लोकप्रियता देख कर घबरा गये हैं. नीतीश कुमार जो काम नहीं कर सके, मांझी ने उसे कर दिखाया. लोग यह बात समझने लगे हैं. मेरी लोकप्रियता से घबरा कर नीतीश कुमार के कान भरे गये. उन्होंने कहा कि नीतीश कैसे बहकावे में आ गये हैं, मैं समझ नहीं पा रहा हूं.
बिहार विधानसभा अध्यक्ष द्वारा नीतीश कुमार को जदयू विधानमंडल दल के नेता के रूप में मान्यता दिये जाने के सवाल पर मांझी ने कहा कि यह सब गैरकानूनी है. जब पार्टी के विधायक दल की बैठक ही गलत थी, तो नीतीश का नेता चुना जाना कहां से सही हो गया.
मांझी ने कहा कि मेरा समर्थन करने के लिए भाजपा का स्वागत है, लेकिन दावा किया कि मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी बैठक में राजनीति पर चर्चा नहीं की. उन्होंने कहा कि मैंने उनसे कहा कि बिहार की परिस्थितियों को देखते हुए मदद कीजिए. अब इसका अर्थ आप राजनीति से लगायेंगे, तो आप जानें. वैसे मैंने विकास की बात की और पीएम ने मदद का भरोसा भी दिया.
नीतीश को जल्दी क्यों? 20 तक रुकें
मांझी ने कहा कि मैं अभी मुख्यमंत्री हूं. मैंने विधानसभा भंग करने को सिफारिश नहीं की है. हां, 20 फरवरी को बजट सत्र के आगाज के दिन ही मैं फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हूं. उन्होंने सवाल किया कि नीतीश कुमार को तब तक रुकने में क्या परेशानी है? उन्होंने कहा कि मैं 20 फरवरी को विश्वास मत हासिल करूंगा. जो भी समर्थन देगा, समर्थन लेंगे. 20 तारीख को सामने आ जायेगा कि मुख्यमंत्री कौन रहेगा.

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