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आदेश मानें,या जेल जाने को तैयार रहें
रांची : हाइकोर्ट के जस्टिस डीएन पटेल की अदालत में शुक्रवार को अवमानना मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार द्वारा पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए सरकार को फटकार लगायी. सुनवाई के दौरान सशरीर उपस्थित प्राथमिक शिक्षा निदेशक जितवाहन उरांव से अदालत ने पूछा कि क्या कार्रवाई […]
रांची : हाइकोर्ट के जस्टिस डीएन पटेल की अदालत में शुक्रवार को अवमानना मामले की सुनवाई हुई. अदालत ने राज्य सरकार द्वारा पूर्व के आदेश का अनुपालन नहीं करने को गंभीरता से लेते हुए सरकार को फटकार लगायी. सुनवाई के दौरान सशरीर उपस्थित प्राथमिक शिक्षा निदेशक जितवाहन उरांव से अदालत ने पूछा कि क्या कार्रवाई की गयी.
श्री उरांव ने कहा: नहीं मालूम हुजूर. इस पर अदालत ने कहा कि अवमानना का मामला मानते हुए आप पर क्यों नहीं कार्रवाई की जाये. अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मामले में मूल से अधिक सूद का पैसा हो गया है. यह स्थिति विलंब के कारण पैदा हुई है. क्यों नहीं यह राशि जवाबदेह अधिकारी से वसूल की जाये. कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी की. कहा: सरकार के अधिकारी काम नहीं करना चाहते हैं. ऐसा लगता है कि सरकार कोर्ट के आदेश को नहीं मानने के प्रयास में लगी रहती है.
अधिकारियों का एप्रोच लेथाजिर्क है. मुकदमे की जानकारी नहीं रहती है. वैसे अधिकारियों को क्यों नहीं जेल भेज दिया जाये. कोर्ट आदेश देता है. अधिकारी को जानकारी नहीं होगी, तो आदेश का पालन कैसे होगा. अदालत ने सरकार को 16 सप्ताह का समय देते हुए पूर्व के आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने अथवा स्टे लेने का निर्देश दिया. कहा कि राज्य सरकार आठ सप्ताह का समय मांग रही है, उसे दोगुना समय दिया. यदि इस अवधि में आदेश का पालन नहीं किया गया, तो जिम्मेवार अधिकारी, चाहें जो भी हो, जेल जाने को तैयार रहें.
उल्लेखनीय है कि प्रार्थी सृष्टिधर रजक व अन्य की ओर से अलग-अलग अवमानना याचिका दायर की गयी है.
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