नयी दिल्ली : लगातार सात तिमाही के घाटे के बाद जेट एयरवेज मुनाफे में आ गयी है. विमानन कंपनी को दिसंबर, 2014 को समाप्त तिमाही में 3 करोड़ रुपये का लाभ हुआ. अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की संख्या बढने तथा इंधन के दाम कम होने से कंपनी को मुनाफा हुआ है. इससे पूर्व वित्त वर्ष 2013-14 की इसी तिमाही में 284 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था.
जेट एयरवेज का लाभ चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में मुनाफे की वजह कोड शेयर ट्रैफिक में 93 प्रतिशत की वृद्धि है. कोड शेयर ट्रैफिक विमानन कारोबार व्यवस्था जिसके तहत दो या अधिक विमानन कंपनियां उसी उडान को साझा करती हैं. चालू वित्त वर्ष की अक्तूबर-दिसंबर तिमाही में कंपनी की आय 5,436 करोड़ रुपये रही जो एक वर्ष पूर्व इसी तिमाही में 4,990 करोड़ रुपये थी.
इस बीच जेट एयरवेज के आडिटरों ने कंपनी के गोइंग कनसर्न दर्जे को लेकर चिंता जाहिर की है. आडिटरों का कहना है कि उनका यह आकलन कई कारकों पर निर्भर है जिसमें एतिहाद के साथ तालमेल तथा कोष जुटाने की क्षमता शामिल हैं. अगर किसी कंपनी के पास अनिश्चितकाल तक परिचालन जारी रखने तथा किसी प्रकार के दिवालियापन जोखिम से बचने के लिये पर्याप्त संसाधन है तो उसे गोइंग कनसर्न कहा जाता है.
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