नयी दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘नीति आयोग’ की पहली बैठक में शुक्रवार को विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करेंगे, ताकि अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने के तरीके ढूंढ़े जा सकें. बैठक अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने और बजट पर सुझाव आमंत्रित करने के लिए बुलायी गयी है. बजट से पहले होनेवाली बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, मुकेश बुटानी, नितिन देसाई, पार्थसारथी शोम, वी रेड्डी, स्वामीनाथ एस अंकलेसरिया अय्यर, राजीव लाल, विजय केलकर आदि भी भाग लेंगे.
सरकार ने सोवियत दौर के योजना आयोग की जगह एक जनवरी को राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान स्थापित किया. सरकार ने कहा है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति पर चर्चा करने और आगामी बजट पर सुझाव आमंत्रित करने के लिए यह बैठक बुलाई गई है. जेटली 28 फरवरी को आम बजट पेश करने वाले हैं.
प्रधानमंत्री नीति अयोग के अध्यक्ष है और इसके उपाध्यक्ष अर्थशास्त्री अरविंद पनगढिया हैं. वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहाकार अरविंद सुब्रमणियन, आयोग के पूर्णकालिक सदस्य विवेक देबराय एवं वी के सारस्वत, वित्त राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, योजना मंत्री राव इंद्रजीत सिंह, पूर्व आरबीआई गवर्नर विमल जालाना, सुबीर गोकर्ण, अशोक गुलाटी और जी एन वाजपेयी भी बैठक में मौजूद होंगे.
आयोग की इस बैठक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि नवगठित संस्था के सदस्यों को मोदी की नीति आयोग से उम्मीद के बारे में सीधी जानकारी हो जिससे उन्हें इसकी कार्ययोजना को अंतिम स्वरुव देने में मदद मिलेगी.सूत्रों ने बताया कि उम्मीद है कि इस संस्था को सरकार के प्रमुख कार्यक्रामों के आंकलन और बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की निगरानी की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी.
सूत्रों ने बताया कि इस बैठक से सरकार के आय-व्यय के मॉडल तैयार करने के संबंध में इस संस्था की भूमिका भी स्पष्टता होगी.