-अवरुद्ध हो गया है पहाड़ी से बहाव वाला रास्ता-गरमी में झेलना पड़ सकता है जल संकट-जल एवं स्वच्छता समिति के उपाध्यक्ष ने डीसी को लिखा पत्रतोपचांची. तोपचांची वाटर बोर्ड झील का पानी दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है. पानी का स्तर कम होने से इस पर निर्भर क्षेत्रों की जनता आने वाले दिनों में जल संकट से जूझ सकती है. किसी भी परेशानी से बचने के लिए जल एवं स्वच्छता समिति के उपाध्यक्ष गुरजीत सिंह ने उपायुक्त प्रशांत कुमार को त्राहिमाम संदेश भेजा है़ श्री सिंह के अनुसार, झील जिले में जलापूर्ति का प्रमुख स्रोत है़ चारों ओर पहाड़ों से घिरा होने के कारण वहां का पानी झील में संग्रह किया जाता है़ इस दौरान पानी के साथ पहाड़ी ढलान के बहाव में मिट्टी भी आ जाती है़ पेड़ों के निरंतर कटाई से मिट्टी का आना पिछले कुछ वर्षों में अधिक हुआ है. बहाव के रास्ते अवरु द्ध हो गये हैं़ इससे झील के तल में मिट्टी जमा हो गयी है. झील की भंडारण क्षमता 40 प्रतिशत तक कम हा चुकी है़ ऐसे में इस वर्ष गर्मियों में भयावह स्थिति उत्पन्न हो जायेगी़ मार्च अंत तक गाद में सट जायेगा पानीमार्च के अंतिम सप्ताह तक झील का पानी गाद में सट जाने की आशंका व्यक्त की जा रही है़ इस प्रकार कोयलांचल की आधी आबादी और तोपचांची बाजार के लोग पानी की भयावह किल्लत झेलेंगे. झील के गाद को साफ करने की योजना पिछले 50 सालों में नहीं बनायी गयी है. यदि प्रयास किया जाये तो इस समस्या से निजात पाया जा सकता है़ यह झील पर्यटन स्थल होने के साथ जैन सर्किट का एक महत्वपूर्ण पड़ाव है़
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तोपचांची झील के भंडारण क्षमता में 40 फीसदी की कमी
-अवरुद्ध हो गया है पहाड़ी से बहाव वाला रास्ता-गरमी में झेलना पड़ सकता है जल संकट-जल एवं स्वच्छता समिति के उपाध्यक्ष ने डीसी को लिखा पत्रतोपचांची. तोपचांची वाटर बोर्ड झील का पानी दिन-ब-दिन कम होता जा रहा है. पानी का स्तर कम होने से इस पर निर्भर क्षेत्रों की जनता आने वाले दिनों में जल […]
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