कच्छ (गुजरात) : उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भारत में लंबे समय से कायम समस्याओं गरीबी और निरक्षरता पर आज चिंता जताई और कहा कि दुनिया के सबसे ज्यादा संख्या में गरीब और वयस्क निरक्षर लोग हमारे देश में वास करते हैं. अंसारी ने भुज में क्रांतिगुरु श्यामजी कृष्णा वर्मा कच्छ विश्वविद्यालय के पांचवे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि दबे-कुचले लोगों को मुख्यधारा में लाना चाहिए.
उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘हालांकि भारत ने 1990 दशक के बाद उल्लेखनीय आर्थिक प्रगति हासिल की लेकिन, हमारा देश अब भी संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक में 187 देशों के बीच 135वें स्थान पर है. 28.7 करोड निरक्षरों के साथ भारत में विश्व के निरक्षरों की सबसे ज्यादा संख्या है.’
इन हालात को सुधारने के लिए अंसारी ने दलितों, आदिवासियों, अन्य पिछडे वर्गों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के समग्र विकास पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत पर बल दिया. उपराष्ट्रपति ने आर्थिक वृद्धि के माध्यम से सभी लोगों की समावेशी प्रगति पर जोर दिया और केंद्र, राज्य सरकारों, निगमों, गैर सरकारी संगठनों और साथ ही नागरिकों के सामूहिक प्रयास का आह्वान किया.
दीक्षांत समारोह में विभिन्न विषयों के 3806 छात्रों को डिग्री प्रदान की गई.