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लेट आये सीएम, इंतजार में दो महिलाएं बेहोश
पटना : एक अणो मार्ग स्थित सीएम हाउस में सोमवार को जनता का दरबार लगा था. सैकड़ों फरियादी पुलिस, भू-राजस्व व निबंधन से संबंधित शिकायतें लेकर आये थे. जिसे कुरसी मिली, वह तो बैठ गया, लेकिन जिसे नहीं मिली, वह खड़ा होकर इंतजार कर रहा था, लेकिन शिकायत सुनने के लिए मुख्यमंत्री नजर नहीं आ […]
पटना : एक अणो मार्ग स्थित सीएम हाउस में सोमवार को जनता का दरबार लगा था. सैकड़ों फरियादी पुलिस, भू-राजस्व व निबंधन से संबंधित शिकायतें लेकर आये थे. जिसे कुरसी मिली, वह तो बैठ गया, लेकिन जिसे नहीं मिली, वह खड़ा होकर इंतजार कर रहा था, लेकिन शिकायत सुनने के लिए मुख्यमंत्री नजर नहीं आ रहे थे.
मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के साथ बैठक में व्यस्त थे. इधर, अपनी बारी का इंतजार कर रहे लोगों की कतार बढ़ती जा रही थी. देखते-देखते भीड़ काफी बढ़ गयी. इसी बीच भूख-प्यास से व्याकुल दो महिलाएं बेहोश होकर गिर पड़ीं. इससे वहां पर अफरा-तफरी मच गयी. एक को तो प्राथमिक इलाज के बाद वहीं होश आ गया, जबकि दूसरी महिला को गर्दनीबाग हॉस्पिटल भेजना पड़ा.
इसकी खबर से फरियादी आक्रोशित हो गये. सभी का एक ही सवाल था मुख्यमंत्री कहां हैं? किसे शिकायत सुनाएं? सुबह छह बजे से ही हमलोग आये हुए हैं, लेकिन दिन के करीब 12:15 बजे हैं. शिकायतें नहीं सुनी जा रही हैं. जब लोगों को जानकारी हुई कि केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के साथ मुख्यमंत्री बैठक कर रहे हैं, तो फरियादी उखड़ गये और फरियादी भानु शेखर प्रसाद सिंह ने कहा कि जब मुख्यमंत्री को मालूम था कि केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक है, तो जनता दरबार को स्थगित कर देना चाहिए था.
लोग भूखे-प्यासे आये हुए हैं. कोई रात से, तो कोई चाय पीकर ही आया है.
भूखे पेट क्या फरियाद सुनायेंगे. एसएसपी जितेंद्र राणा समेत अन्य पुलिस पदाधिकारी और सीएम हाउस के सुरक्षा गार्ड लोगों को शांत कराते नजर आये. काफी समझाने-बुझाने के बाद फरियादी शांत हुए और बाद में उनके लिए चाय-बिस्कुट की व्यवस्था की गयी. मुख्यमंत्री 12:42 बजे जनता दरबार में पहुंचे और फरियादियों की शिकायतें सुनने लगे. मुख्यमंत्री ने तीन बजे तक साढ़े आठ सौ फरियादियों की शिकायतें सुनीं.
डीजीपी को दिया जांच का आदेश
गया के टिकारी के आये प्रिंस कुमार ने सीएम को बताया कि उस पर और उसकी मां परवेश देवी पर रिश्तेदारों ने हमला कर दिया था. उसके साथ शुक्रवार को जम कर मारपीट की गयी और उन्हें घर से निकाल दिया गया. मां का सिर फूट गया है और हाथ भी टूट गया है. पुलिस के पास गया, पर न्याय नहीं मिला. इस पर मुख्यमंत्री ने डीजीपी पीके ठाकुर को इस मामले की अपने स्तर पर जांच करने का निर्देश दिया.
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