गुवाहाटी : स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने असम की लडकियों के एक समूह को कथित रूप से ताजमहल में नहीं जाने देने की जांच की आज मांग की. मुख्यमंत्री तरुण गोगोई को एक पत्र भेजकर एसएफआई ने दावा किया कि गुवाहाटी के हांडिक महिला महाविद्यालय की छात्राओं के एक समूह को सुरक्षाकर्मियों ने ताजमहल में जाने नहीं दिया क्योंकि वे विदेशी की तरह नजर आ रही थीं.
एसएफआई ने पत्र में कहा है, ‘उन्होंने छात्राओं को नेपाल और बांग्लादेश का नागरिक बताया. उन्होंने ‘असम कहां है’ जैसी टिप्पणियां भी कीं.’ फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष निरंगकुश और सचिव रीतू रंजन ने पत्र में कहा, ‘यह पता चला है कि असम और पूर्वोत्तर के विद्यार्थियों के साथ भेदभाव की घटनाएं बार-बार हुई हैं और यह घटना उसी को परिलक्षित करती हैं.’
उन्होंने दोषियों को दंडित किये जाने की मांग की. उन्होंने मांग की कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो. एक छात्रा ने कहा कि वे लोग स्टडी टूर पर ताजमहल देखने गयी थीं. सुरक्षाकर्मियों ने कहा कि चूंकि उनके पहचान पत्र पर केवल असम लिखा है, ऐसे में यह स्थापित करना मुश्किल है कि वे भारतीय नागरिक हैं.