लिया संज्ञान : मौलानाचक निवासी अजहर की महाराष्ट्र में हुई थी हत्या
भागलपुर : मोजाहिदपुर थाना क्षेत्र के मौलानाचक निवासी मो अजहर अमहद उर्फ निक्की की मौत मामले में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने संज्ञान लिया है और बिहार के गृह सचिव से जानकारी मांगी है. आयोग ने मामले की जांच का भी निर्देश दिया है. परिजनों का आरोप है कि महाराष्ट्र पुलिस ने अजहर की हत्या को यूडी केस बना दिया.
12 अगस्त 2013 को मुंबई के कौशा थाना क्षेत्र के श्रीलंका गांव स्थित कमरे में अजहर की लाश मिली थी. वह हैंड जरी का कारीगर था और मुमरा स्थित कारखाने में काम करता था. अजहर की मौत मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने यूडी केस दर्ज किया था. जबकि अजहर की मां निम्मी का आरोप है कि उनके बेटे की हत्या हुई है. आरोपी पक्ष के साथ पुलिस मिल गयी और मामले को बदल दिया. निम्मी ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को पत्र लिख कर मामले की जांच की मांग की है.
क्या है मामला. आयोग को लिखे पत्र में निम्मी ने जिक्र किया है कि कारखाना के मालिक सलाउद्दीन, उसके छोटे भाई सिराज व अन्य तीन लोगों ने मिल कर सोयी अवस्था में अजहर की हत्या कर दी है. अजहर 4-5 वर्षो से कारखाना में काम करता था. जहां उसे खाना-पीना, रहने आदि की व्यवस्था दी गयी थी. सेठ के पास अजहर का कमाया 80 हजार रुपये जमा था. वह मुहर्रम पर भागलपुर आनेवाला था. इस कारण सेठ से उसने पैसे की मांग की, तो उससे अजहर का झगड़ा हो गया. इसी पैसे के विवाद को लेकर अजहर की हत्या कर दी गयी. इस मामले को महाराष्ट्र पुलिस आत्महत्या बता रही है. जबकि घटनास्थल से आत्महत्या का कोई साक्ष्य नहीं मिला. कारखाना का सेठ सबौर थाना क्षेत्र के वंशीटीकर का रहनेवाला है.