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ताबड़तोड़ घोषणाएं कर मजाक बना रहे सीएम

सरकार में बैठे लोग ही फैसले लागू होने में डाल रहे बाधा बिहार सुलग रहा है और सत्तारूढ़ दल के नेता खींचतान व भोज की राजनीति में मशगूल हैं पटना : लोकप्रियता की होड़ में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पूर्व सीएम नीतीश कुमार को पछाड़ने के लिए हर दिन दर्जनों घोषणाएं कर रहे हैं. नीतीश […]

सरकार में बैठे लोग ही फैसले लागू होने में डाल रहे बाधा
बिहार सुलग रहा है और सत्तारूढ़ दल के नेता खींचतान व भोज की राजनीति में मशगूल हैं
पटना : लोकप्रियता की होड़ में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पूर्व सीएम नीतीश कुमार को पछाड़ने के लिए हर दिन दर्जनों घोषणाएं कर रहे हैं. नीतीश समर्थक मंत्री और नौकरशाह घोषणाओं को ठेंगा दिखा रहे हैं, ताकि उनकी लोकप्रियता नहीं बढ़े. आदेश और घोषणाओं का हश्र देखने के बावजूद ताबड़तोड़ घोषणाएं कर मुख्यमंत्री अपना ही नहीं, बिहार का भी मजाक बना रहे हैं. ये बातें पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहीं.
उन्होंने कहा कि सीएम ने सभी स्कूली छात्रों को छात्रवृत्ति और साइकिल-पोशाक योजना का लाभ देने के लिए 75 प्रतिशत हाजिरी की अनिवार्यता समाप्त करने की घोषणा की थी, लेकिन वित्त और शिक्षा मंत्री ने इसे मानने से इनकार कर दिया. हर जिले में सैकड़ों जगहों पर प्रदर्शन,तोड़-फोड़ और आगजनी की घटनाएं हो रही हैं. बच्चों को शिक्षकों से मारपीट और तोड़-फोड़ करना सिखाया जा रहा है. बिहार सुलग रहा है, लेकिन सत्तारूढ़ दल के नेता खींचतान और भोज की राजनीति में मशगूल हैं. सीएम ने अपने कार्यकाल में एक हजार से अधिक घोषणाएं की हैं.
उन्होंने तो गया, पूर्णिया और भागलपुर में उच्च न्यायालय की पीठ स्थापना करने की भी घोषणा कर दी, वे इसे लागू करने में सक्षम नहीं हैं. 20 जनवरी को उन्होंने पटना नगर निगम के आयुक्त कुलदीप नारायण के निलंबन वापसी की संचिका पर दस्तखत किया था,लेकिन आदेश आज तक लागू नहीं हो सका. सुशील मोदी ने कहा है कि बिहार को इस विषम परिस्थिति से भाजपा उबारेगी. बिहार को सक्षम सरकार देने के लिए भाजपा ने अगले चुनाव के लिए अपना मिशन 185 प्लस का लक्ष्य पूरा करने का संकल्प लिया है.

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