रंग-ए-माहौल. गबरघिचोर की प्रस्तुति ने गढ़ी नयी रंगभाषानाटक को देखने उमड़ी भीड़तसवीर-नाटक का मंचन करते कलाकारतसवीर-3 इंट्रोरंग-ए-माहौल के तहत चौथे दिन द फैक्ट रंगमंडल, बेगूसराय ने गबरघिचोर नाटक का मंचन किया. अद्भुत प्रस्तुति ने वास्तव में एक नयी रंगभाषा गढ़ दी. प्रस्तुति ने शुरू से अंत तक दर्शकों को बांधे रहा. बेगूसराय(नगर). बेगूसराय की समृद्धशाली रंगमंच की परंपरा को निर्बाध गति से आगे बढ़ाते हुए द फैक्ट आर्ट एंड कल्चरल सोसाइटी बेगूसराय के द्वारा आयोजित चतुर्थ राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव रंग-ए-माहौल अपने चरम पर है. चौथे दिन द फैक्ट रंगमंडल बेगूसराय की नाट्य प्रस्तुति गबरघिचोर एक नयी रंगभाषा गढ़ने में कामयाब रही. भोजपुरी के शेक्सपीयर भिखारी ठाकुर के कृति को जीवंत कर दिया. आधुनिकता को समेटे लोक रंग की सोंधी खुशबू लिए नाटक में गुंजन ने अपनी परिकल्पना डिजाइन, दृश्यबंध से अपनी रचनात्मकता के गहन सोच का परिचय दिया. नाटक में गहन समझ रखने वाले प्रवीण ने कथानक को सहजता से दर्शकों को आत्मसात कराने में सफल रहे. नौ मास ढोवली मोटरिया हो बवुआ, चलत में गोर फहरत रहे ए बबुआ जैसे गीतों ने स्त्री के मर्म का सचित्र चित्रण किया. गबरघिचोर लालबाबू कुमार, गलीज चंदन कुमार वत्स, पंच अवध कुमार ठाकुर, गड़बड़ी संदीप कुमार, जल्लाद सुलचंद पंडित, रंग प्रवक्ता अभिजीत कुमार के अभिनय की दर्शकों ने खूब प्रशंसा की. संगीत सुबोध कुमार एवं दीपक कुमार का था. वाद्य यंत्र पर संतोष कुमार राही, कामख्या नारायण, अमरेश कुमार, दीपक कुमार थे. प्रकाश परिकल्पना व संचालन चिंटू कुमार ने किया.
BREAKING NEWS
नौ मास ढोबली मोटरिया हो बवुआ…
रंग-ए-माहौल. गबरघिचोर की प्रस्तुति ने गढ़ी नयी रंगभाषानाटक को देखने उमड़ी भीड़तसवीर-नाटक का मंचन करते कलाकारतसवीर-3 इंट्रोरंग-ए-माहौल के तहत चौथे दिन द फैक्ट रंगमंडल, बेगूसराय ने गबरघिचोर नाटक का मंचन किया. अद्भुत प्रस्तुति ने वास्तव में एक नयी रंगभाषा गढ़ दी. प्रस्तुति ने शुरू से अंत तक दर्शकों को बांधे रहा. बेगूसराय(नगर). बेगूसराय की समृद्धशाली […]
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement