आधुनिक युग में तनाव एक बड़ी समस्या है. यह 75} रोगों का कारण होता है. यह कैंसर और हृदय रोगों को बढ़ाता है. तनाव के कारण लोग चिड़चिड़े हो जाते हैं. हल्की बातों से भी लोग आक्रोश में आ जाते हैं. थोड़ी-सी परेशानी या असफलता से लोग नकारात्मक विचारों से घिर जाते हैं. इसी से तनाव उत्पन्न होता है.
लक्षण : तनाव ग्रस्त होते ही व्यक्ति चिंता, हताशा, निराशा और आक्रोश से घिर जाता है. इसके अलावा नींद की कमी, पेट की गड़बड़ी, हृदय गति में असमानता, सांस लेने में तकलीफ एवं नकारात्मक सोच से भर जाता है.
कारण : दुखद घटनाएं, दैनिक उलझन, परीक्षा का दबाव, कमजोर व्यक्तित्व, अस्थिरता, तलाक, मनमुटाव आदि.
तनाव से बचने के उपाय : निराशावादी सोच पर काबू पाना जरूरी है. जैसे ही लगे कि निराशावादी सोच हावी हो रही है वैसे ही अपनी सोच पर काबू करने का प्रयास करें. मन में सकारात्मक विचार लाएं. सही दिनचर्या के साथ सभी काम एक सिस्टम से करें. अपनी क्षमता और रुचि के अनुसार काम करें. अच्छी नींद लें और क्रोध से दूर रहें. व्यस्त जीवन से खुद के लिए भी वक्त निकालें. पसंदीदा गाने सुनें और सैर सपाटे पर जाएं. नियमित व्यायाम और मेडिटेशन करें. मन उदास हो तो दोस्तों और रिश्तेदारों से बात करें. गुस्सा होने पर अपनी व्यथा को एक कागज पर लिख कर थोड़ी देर बाद कागज को फाड़ कर फेंक दें. गुस्सा खत्म हो जायेगा और आप तनाव मुक्त हो जाएंगे. अधिक तनाव हो तो मनोवैज्ञानिक की सलाह लें.
डॉ बिन्दा सिंह
क्लिनिकल
साइकोलॉजिस्ट, पटना
मो : 9835018951