पटना: बीएमएसआइसीएल 12 सौ करोड़ के ठेके की निविदा पर कुंडली मार बैठी है. 2012-13, 2013-14 और 2014-15 की योजनाओं के लिए निविदा जारी की गयी, लेकिन अब तक निष्पादन नहीं हुआ. इनके लिए राज्य सरकार ने पैसा आवंटित कर दिया है. निविदा नहीं खोले जाने से पटना के आधा दर्जन अस्पतालों में निर्माण कार्य से बेतिया स्थित मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर का निर्माण कार्य लंबित है.
जदयू के विधायक मंजीत कुमार सिंह ने मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह और विकास आयुक्त एसके नेगी को पत्र लिख लंबित टेंडर के शीघ्र निष्पादन का अनुरोध किया है. विधायक ने पत्र में लिखा है कि लंबित निविदाओं में कई की बिड वेलिडिटी भी समाप्त होने के कगार पर है.
इससे सरकार को करीब डेढ़ सौ करोड़ के राजस्व हानि होने की संभावना है. उन्होंने बीएमएसआइसीएल के दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. मंजीत कुमार सिंह ने विधानसभा के पिछले सत्र में यह मुद्दा उठाया था. सरकार की ओर से निविदा शीघ्र खोले जाने का आश्वासन दिया था. उन्होंने बताया कि बीएमएसआइसीएल की लंबित योजनाओं में गोपालगंज के बरौली में अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण, जिले के ही रेवतिथ, बैकुंठपुर और गोपालगंज अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सिंधवलिया के पकड़ी झंझावा में 30 बेड का सीएचसी व सिंधवलिया प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में छह अतिरिक्त भवन का निर्माण भी लंबित है.
लंबित योजनाएं
योजना राशि
बेतिया मेडिकल कॉलेज परिसर का निर्माण 538.87 करोड़
राजेंद्र नगर में 106 बेड का सुपर स्पेशियलिटी 41.41 करोड़
एनएमसीएच में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस 35.62 करोड़
नालंदा के रहुई में डेंटल कॉलेज अस्पताल 308.31 करोड़
41 जगहों पर 30 बेड के सीएचसी का निर्माण 164.83 करोड़
जल्द निविदा नहीं खुली, तो विधानमंडल में सरकार को कठघरे में खड़ा करेंगे. यह राज्य की जनता के साथ धोखा है. एक ही अधिकारी को तीन जगहों पर बिठाया गया है. सरकार की योजनाओं को साजिश के तहत लटकाने के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. मंजीत कुमार सिंह, विधायक, बैकुंठपुर