कोलकाता : यहां की एक नगर अदालत ने बर्द्धमान विस्फोट मामले के पांच आरोपियों को तीन फरवरी तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया. एजेंसी द्वारा आरोपियों के जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश (जेएमबी) के साथ कथित संबंधों के बारे में विस्तार से पता लगाने के लिए और समय की मांग के बाद उनकी हिरासत अवधि बढायी गयी. मेट्रोपोलिटन अदालत के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद मुमताज खान ने पांचों आरोपियों को सात दिनों की एनआईए की हिरासत में भेज दिया ताकि उनसे पूछताछ की जा सके.
एनआईए के वकील श्यामल घोष ने स्वीकार किया कि हबीबुर रहमान, फजलुल हक उर्फ डालिम शेख, मोतीउर रहमान और ग्यासुद्दीन मुंशी बांग्लादेश के आतंकवादी संगठन जेएमबी के सदस्य थे और उन्होंने जेएमबी के विशेषज्ञों से हथियारों एवं विस्फोटकों का प्रशिक्षण लिया था. उन्होंने चार आरोपियों के लिए दस दिन की एनआईए हिरासत की मांग करते हुए कहा कि कल उन्हें नगर से गिरफ्तार किया गया और इस तरह की गतिविधियों में उनकी संलिप्तता का खुलासा किए जाने की जरुरत है. घोष ने रिजाउल करीम की भी एनआईए हिरासत अवधि बढाने की अपील की जिसे पहले गिरफ्तार किया गया था.
उनका दावा था कि वह जेएमबी का सदस्य है और भारत के खिलाफ षड्यंत्र में संलिप्त था. यह भी दावा किया गया कि करीम ने आईईडी बनाने के लिए कच्ची सामग्रियों की खरीद की थी. किसी भी आरोपी की तरफ से कोई वकील उपस्थित नहीं हुआ. पश्चिम बंगाल के बर्द्धमान शहर के खागरागढ में दो अक्तूबर 2014 को हुए विस्फोट में जमात उल मुजाहिद्दीन बांग्लादेश के दो संदिग्ध आतंकवादी मारे गए थे.
आज की गिरफ्तारी का ब्यौरा देते हुए एनआईए ने अपने बयान में दावा किया कि दालिम शेख जेएमबी का पूर्णकालिक सदस्य है और वह अड्डा एवं ठिकाना बनाने एवं धन एकत्र करने, युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और भारत में नेटवर्क के विस्तार के लिए जेएमबी के वरिष्ठ बांग्लादेशी सदस्यों को योजना एवं सामग्री उपलब्ध कराने में शामिल था. मोतिउर रहमान विस्फोट में मारे गए शकील गाजी का करीबी सहयोगी है.
समझा जाता है कि वह मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में ठिकानों एवं प्रशिक्षण केंद्रों का रख-रखाव करने तथा बम बनाने के केंद्र की देखरेख करता था. हबीबुर रहमान जेबीएम बांग्लादेश के वरिष्ठ सदस्य साजिद का करीबी सहयोगी है जिसे एनआईए ने पहले भी गिरफ्तार किया था. वह मुर्शिदाबाद जिले के मुकीमनगर में आतंकी प्रशिक्षण केंद्र का कथित तौर पर संचालन करता था. एनआईए ने कहा कि चौथा आरोपी ग्यासुद्दीन मुंशी अपनी पत्नी के साथ जेएमबी में शामिल हुआ था और उसने आतंकी समूह के साथ प्रशिक्षण लिया था.
वह बांग्लादेशी सदस्यों को पनाहगाह मुहैया कराता था. एनआईए ने अब तक पाया है कि जेएमबी आतंकी समूह के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद, नदिया, मालदा, बीरभूम, बर्द्धवान और असम के बारपेटा तथा झारखंड के साहिबगंज और पाकुर जैसे क्षेत्रों में नेटवर्क स्थापित किया है. एनआईए ने यह भी दावा किया कि जेएमबी के वरिष्ठ सदस्यों ने मुर्शिदाबाद के बेलडांगा और मुकीम नगर, बीरभूम के नानून और बर्द्धवान के खरग्राघर और सिमुलिया में आतंकी प्रशिक्षण केंद्र और बम बनाने की इकाई स्थापित की.