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रोक के वावजूद पाकिस्तान में सक्रिय है जमात-उद-दावा

कराची: मुंबई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज सईद के नेतृत्व वाले आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) ने पाकिस्तानी सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की परवाह किए बगैर, पाकिस्तान के दक्षिण में स्थित इस पत्तन शहर में एक एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की है. इस सेवा की शुरुआत कल जेयूडी के नियंत्रण वाले कल्याणार्थ संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन […]

कराची: मुंबई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज सईद के नेतृत्व वाले आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) ने पाकिस्तानी सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की परवाह किए बगैर, पाकिस्तान के दक्षिण में स्थित इस पत्तन शहर में एक एंबुलेंस सेवा की शुरुआत की है.
इस सेवा की शुरुआत कल जेयूडी के नियंत्रण वाले कल्याणार्थ संगठन फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन ने की और इस सेवा का उद्घाटन खुद हाफिज सईद ने किया, जिसे संयुक्त राष्ट्र एवं अमेरिका ने आतंकी घोषित कर रखा है.सईद ने संवाददाताओं को बताया ‘एंबुलेस सेवा हमारे कल्याणार्थ कार्य का प्रमुख क्षेत्र है और पाकिस्तान में हम इसके लिए पहचाने जाते हैं.’
सईद ने कहा कि उसके संगठन को किसी कल्याणकारी परियोजना में सरकार की ओर से कभी किसी अवरोध का सामना नहीं करना पड़ा. उन्होंने कहा ‘हम इन परियोजनाओं को बंद नहीं करने जा रहे. एक वर्ग विशेष और एक समूह विशेष एक एजेंडा विशेष के लिए हमारे संगठन पर निशाना साध रहा है.’
सईद ने कहा कि उसका संगठन दूर-दराज के क्षेत्रों में सक्रिय है और ज्यादा लोगों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए उसने अपने कल्याणार्थ कार्य को विस्तार देने पर फैसला अभी नहीं किया है.एफआइएफ की योजना कराची में 15 एंबुलेंसों का संचालन करने की है. कराची एक महानगर है और यहां 1.8 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं. सईद ने कहा कि एंबुलेंस सेवा पहले ही देश के 118 शहरों में संचालित है.
जेयूडी और एफआइएफ ने कथित ‘जन कल्याण कार्यों’ के लिए धन एकत्र करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में शिविर भी लगाए हैं. ये प्रतिबंध उस समय लागू कर दिए गए थे, जब गृहमंत्रलय द्वारा जेयूडी और एफआइएफ दोनों ही संगठनों को प्रतिबंधित संगठनों की सूची में डाल दिया गया और विदेश विभाग ने सभी प्रतिबंधित संगठनों के संपत्तियों को कुर्क करने के लिए कहा. लेकिन एंबुलेंस सेवा शुरु करने की घोषणा दर्शाती है कि जेयूडी जैसे समूहों के मामले में पाकिस्तान की सरकार अपने शब्दों को क्रियांवित करने में असमर्थ रही.
भारत लगातार पाकिस्तान की सरकार से सईद को सौंपे जाने की मांग करता रहा है, ताकि वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमलों में उसकी भूमिका पर उससे सवाल किए जा सकें. उन हमलों में कुल 166 लोग मारे गए थे.

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