रांची: राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक में नव नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों को 26 जनवरी को नियुक्ति पत्र दिया जायेगा. इसमें हिंदी सहायक शिक्षक व उर्दू शिक्षक शामिल होंगे.
रांची को छोड़ कर सभी जिलों में 26 जनवरी को नियुक्ति पत्र बांटने आदेश दिया गया है. रांची में जुलाई में ही नियुक्ति हो गयी थी. राज्य में 18 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया नवंबर 2013 में शुरू हुई थी. शिक्षक नियुक्ति को लेकर कुछ जिलों द्वारा प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से दिशा-निर्देश भी मांगा गया था.
शिक्षा निदेशालय द्वारा जिलों को निर्देश भेज दिया गया है. राज्य में शिक्षकों के सबसे अधिक पद चाईबासा जिले में है. चाईबासा में शिक्षकों के 1289 पद है. जबकि लोहरदगा में सबसे कम 127 पद है. शिक्षकों की सीधी नियुक्ति के लिए चिह्न्ति 50 फीसदी पद पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित है. जिलों में पारा शिक्षक व गैर पारा शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग मेरिट लिस्ट जारी किये गये हैं. आरक्षित सीट के अनुपात में पारा शिक्षकों के सफल नहीं होने पर अन्य अभ्यर्थियों से सीट भरे जायेंगे. राज्य में सीट के अनुपात में सबसे अधिक आवेदन रामगढ़ में एक पद के लिए 44 अभ्यर्थियों ने आवेदन जमा किया था. चाईबासा में एक सीट के लिए औसतन 2 विद्यार्थी ने आवेदन जमा हुआ था. चाईबासा में 1289 पद के लिए मात्र 2,763 आवेदन जमा हुआ था. जबकि रामगढ़ में 203 पद के लिए 9,103 आवेदन जमा हुआ है.
लगभग 3586 पद रह जायेंगे खाली
राज्य में कक्षा एक से पांच में शिक्षक नियुक्ति के लिए 22,311 अभ्यर्थी शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल हुए थे. इन्होंने 1,68,221 आवेदन जमा किये है. एक अभ्यर्थी औसतन 13 जिलों से आवेदन जमा किये है. ऐसे में एक अभ्यर्थी का एक से अधिक जिला में चयन होना तय है. ऐसी स्थिति में अभ्यर्थी जिस जिला में योगदान नहीं देंगे, वहां पद रिक्त रह जायेगा. वहीं उर्दू के 4,401 पद के लिए मात्र 815 अभ्यर्थी शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल हुए है. ऐसे में शत-प्रतिशत अभ्यर्थियों की नियुक्ति के बाद भी 3586 पद रिक्त रह जायेंगे.
26 जनवरी को रांची को छोड़कर सभी जिलों में प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति पत्र का वितरण किया जायेगा. इसके लिए सभी जिलों में आवश्यक तैयारी पूरी की जा रही है. कुछ जिलों द्वारा नियुक्ति के संबंध में दिशा-निर्देश मांगा गया था, सभी जिलों को निर्देश भेज दिया गया है.
जीतवाहन उरांव, निदेशक प्राथमिक शिक्षा