नौ साल में बढ़ी राज्य के खर्च करने की क्षमतासंवाददाता, पटनापिछले नौ सालों में राज्य के बजट आकार में करीब पांच गुणा की बढ़ोतरी हुई है. यह 22 हजार करोड़ से बढ़कर 1.16 हजार करोड़ तक पहुंच गया है. इसके साथ ही राज्य में रुपये खर्च करने की क्षमता भी बढ़ी है. योजना और गैर-योजना दोनों मदों में रुपये खर्च करने की रफ्तार बढ़ी है. इसमें पांच गुणा से ज्यादा की भी तेजी आयी है. 2005-06 में कुल बजट की 19 फीसदी राशि ही सालभर में खर्च हो पाती थी. चालू वित्तीय वर्ष के दौरान अब तक यह बढ़कर 50 प्रतिशत से ज्यादा हो गयी है. इसमें योजना मद में रुपये के खर्च होने की स्थिति ज्यादा बेहतर हुई है. 2005-06 में योजना मद में कुल आवंटन का महज 21 प्रतिशत खर्च हुआ था. जबकि वर्तमान में यह बढ़कर 50 फीसदी पहुंच गया है. बजट के रुपये का खर्च होना यह दर्शाता है कि राज्य के विकासात्मक कार्यों की स्थिति में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.वर्षबजट (करोड़ में)खर्च (प्रतिशत में)2005-062256819.412006-072713631.172007-083157130.732008-091233533.182009-101399832.712010-115070436.342011-126018133.772012-136920637.082013-148040538.192014-1511688650.45 (अभी तक)
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नौ साल में बढ़ी राज्य के खर्च करने की क्षमतासंवाददाता, पटनापिछले नौ सालों में राज्य के बजट आकार में करीब पांच गुणा की बढ़ोतरी हुई है. यह 22 हजार करोड़ से बढ़कर 1.16 हजार करोड़ तक पहुंच गया है. इसके साथ ही राज्य में रुपये खर्च करने की क्षमता भी बढ़ी है. योजना और गैर-योजना […]
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