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आने वाले दिनों में और घट सकती हैं ब्याज दर: चंदा कोचर
दावोस (स्विटजरलैंड): आइसीआइसीआइ बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने उम्मीद जतायी है अगर भारत में मुद्रास्फीति आने वाले महीनों में नरम बनी रही तो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) नीतिगत ब्याज दर में और कटौती कर सकता है. कोचर ने पत्रकारों से कहा की ‘रिजर्व बैंक कह चुका है कि अब नीतिगत रुख बदल चुका है […]
दावोस (स्विटजरलैंड): आइसीआइसीआइ बैंक की प्रमुख चंदा कोचर ने उम्मीद जतायी है अगर भारत में मुद्रास्फीति आने वाले महीनों में नरम बनी रही तो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) नीतिगत ब्याज दर में और कटौती कर सकता है.
कोचर ने पत्रकारों से कहा की ‘रिजर्व बैंक कह चुका है कि अब नीतिगत रुख बदल चुका है और भविष्य के उसके कदम इस बदले हुए रुख के अनुसार ही रहेंगे. इसलिए मुझे उम्मीद है कि आने वाले महीनों में ब्याज दर में और कमी की जा सकती है, बशर्ते मुद्रास्फीति अनुमानित दायरे में बनी रहे.’
आइसीआइसीआइ बैंक की प्रमुख ने कटौती के समय के बारे में पूछे जाने पर कहा ‘इस पर अटकलबाजी करना मुश्किल है. वह यहां डब्ल्यूइएफ की वार्षिक बैठक में भाग लेने आई हैं. उनसे सवाल किया गया था कि क्या उन्हें उम्मीद है कि रिजर्व बैंक ब्याज दर में और कमी कर सकता है.
रिजर्व बैंक ने 15 जनवरी को बीच में ही अप्रत्याशित तरीके से अपनी अल्पकालिक ऋण की ब्याज दर (रेपो) 0.25 प्रतिशत कम कर 7.75 प्रतिशत कर दी है. केंद्रीय बैंक की अगली द्वैमासिक समीक्षा तीन फरवरी को होनी है.
मुद्रास्फीति में कमी और चालू वित्तवर्ष के राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.1 प्रतिशत तक सीमित रखने के लक्ष्य के प्रति सरकार की ठोस प्रतिबद्धता को देखते हुए रिजर्व बैंक के लिए नीतिगत ब्याज दर कम करना संभव हो सका है.
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