ढाका : बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा है कि राजनीतिक अशांति के दौरान हत्याओं के आदेश देने के लिए विपक्षी दल की नेता खालिदा जिया पर मुकदमा चलाया जा सकता है. वहीं प्रशासन ने सडकों पर हुई हिंसा में शामिल लोगों की सूचना पर पर ईनाम की घोषणा की है. इस हिंसा में 30 लोगों की जानें गई हैं. हसीना ने कल रात संसद को बताया, ‘हत्याओं के आदेश जारी करने के लिए. उन्हें (जिया को) कानून के दायरे में लाना तर्कसंगत होगा.
उन्होंने कहा, ‘कानून लागू करने वाली एजेंसियां उन पर (जिया पर) मुकदमा चलाने की संभावना का पता लगा रही हैं. कानून अपना काम करेगा और यह कानून लागू करने वाली एजेंसियों पर निर्भर करता है कि वह इसका (संभावना का) पता लगायें और जरुरी कदम उठाएं.’ प्रधानमंत्री की ये टिप्पणियां ऐसे समय पर आई हैं, जब कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने देर रात तक 24 घंटे की अवधि में 2500 संदिग्ध अराजकतावादियों को गिरफ्तार कर लिया.
इसके साथ ही हिंसा में शामिल हर व्यक्ति पर एक लाख टका (1,286 डॉलर) का ईनाम घोषित किया गया. उद्योग मंत्री आमिर हुसैन अमू ने कहा, ‘हमलावर राजनीतिक कार्यक्रमों के नाम पर लोगों की हत्या कर रहे हैं. सरकार ने इसे किसी भी कीमत पर रोकने का निश्चय किया है.’ हिंसा दरअसल छह जनवरी के बाद से, 69 वर्षीय जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की ओर से आयोजित राष्ट्रव्यापी नाकेबंदी के बाद भडकी है. इसमें अब तक 30 जानें जा चुकी हैं.
अधिकारियों ने कहा कि इस माह के प्रारंभ से शुरू हुए खतरनाक विरोध प्रदर्शनों के बाद से अब तक बीएनपी और उसके सहयोगी चरमपंथी संगठन जमात-ए-इस्लामी के सात हजार से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है. ठीक एक साल पहले ही विवादास्पद चुनावों में जिया की प्रतिद्वंदी और मौजूदा प्रधानमंत्री हसीना ने जीत हासिल की थी. यह अशांति उस समय शुरू हुई, जब पुलिस ने दो बार प्रधानमंत्री रह चुकीं जिया को वर्षगांठ से कुछ ही समय पहले उनके कार्यालय गुलशन में नजरबंद कर दिया.
जिया पर लगी 17 दिवसीय नजरबंदी को 19 जनवरी को हटा लिया गया था लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री ने राष्ट्रव्यापी नाकेबंदी को जारी रखने का संकल्प लिया.