– अस्पताल में न मरीज रहना चाहते, न नर्स रखने की करती हैं कोशिश – सदर अस्पताल का सामान्य वार्ड रहता है सूना, मानक का होता है उल्लंघन वरीय संवाददाता,भागलपुर सदर अस्पताल में नर्स व चिकित्सकों की वैसे ही कमी है. नर्सों को जिस कार्य का जिम्मा दिया गया है, उसे ही पूरा करने में उनके दम फूल रहे हैं. इस पर सीएस ने निर्देश जारी किया है कि आशा कार्यकर्ताओं के अस्पताल में घंटों जमे रहने व प्रसव कक्ष में प्रवेश पर रोक लगाएं. इसकी जिम्मेवारी सीधे-सीधे नर्सों को दी गयी है. प्रसव कक्ष व ऑपरेशन थियेटर के नर्स प्रभारी को कहा गया है कि वे इसकी व्यवस्था सुनिश्चित कराएं. किसी भी सूरत में आशा कार्यकर्ता प्रसव कक्ष में न जाये और उसे दवा वगैरह लाने के लिए न भेजा जाये. बुधवार को सदर अस्पताल के सामान्य वार्ड में दो महिला भरती थी. परिजनों ने बताया कि प्रसव के बाद घर चले जायेंगे, जबकि प्रसव के 48 घंटे बाद तक प्रसूता को अस्पताल में रहना चाहिए. इस दौरान कभी भी अधिक मात्रा में रक्त स्राव होने या अन्य तरह की परेशानी हो सकती है. कई बार ऐसा होता है कि महिला की जान भी चली जाती है. डिस्चार्ज स्लिप सामान्य प्रसव में 48 घंटे के बाद ही देने का नियम है. सीएस डॉ शोभा सिन्हा का कहना है कि अब ओपीडी में 33 व इंडोर में 97 तरह की दवा उपलब्ध है, इसलिए बाहर से दवा मंगाने की कोई आवश्यकता ही नहीं है.
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प्रसव के एक घंटे बाद अस्पताल से छुट्टी
– अस्पताल में न मरीज रहना चाहते, न नर्स रखने की करती हैं कोशिश – सदर अस्पताल का सामान्य वार्ड रहता है सूना, मानक का होता है उल्लंघन वरीय संवाददाता,भागलपुर सदर अस्पताल में नर्स व चिकित्सकों की वैसे ही कमी है. नर्सों को जिस कार्य का जिम्मा दिया गया है, उसे ही पूरा करने में […]
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